GA4-314340326 गावां के जंगलों में धड़ल्ले से हो रहा ढिबरा का अवैध उत्खनन

गावां के जंगलों में धड़ल्ले से हो रहा ढिबरा का अवैध उत्खनन



गिरिडीह (झारखंड): गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र के जंगलों में ढिबरा (माइका) का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। ओडपोडो, बेलाखूंटा, हरलाघाटी, चरकी सहित विभिन्न क्षेत्रों के जंगल इस अवैध कारोबार का केंद्र बन गए हैं। उत्खनन के बाद इस खनिज संपदा को बिना किसी रोक-टोक के कोडरमा के डोमचांच और गिरिडीह की विभिन्न फैक्टरियों में भेजा जा रहा है।
ढिबरा की सफाई में मां के काम में हाथ बटाते बच्चे।

 नाबालिगों से काम, कहींJCB का इस्तेमाल

इस अवैध खनन की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ इलाकों में जहाँ नाबालिग बच्चे और बच्चियाँ भी इस जोखिम भरे काम में शामिल हो रहे हैं, वहीं कुछ स्थानों पर बड़े पैमाने पर जेसीबी मशीनों का भी प्रयोग किया जा रहा है। गावां का यह इलाका ढिबरा जैसे मूल्यवान खनिज संपदा से समृद्ध है। हालाँकि, सरकारी उपेक्षा के कारण इसका वैध व्यापार शुरू नहीं हो पाया है, जिसका पूरा फायदा अवैध कारोबारी उठा रहे हैं और सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। अवैध उत्खनन से लेकर परिवहन तक, किसी भी स्तर पर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई न होना, पुलिस और प्रशासनिक सक्रियता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

  बाल मजदूरी उन्मूलन के दावों पर प्रश्नचिन्ह

सबसे बड़ी विडंबना यह है कि गत वर्ष गिरिडीह को ढिबरा खनन कार्य में बाल मजदूरी नहीं होने का डंका पीटा गया था। इस उपलब्धि के लिए कोडरमा में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा को सम्मानित भी किया गया था। लगभग एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद, इस अवैध धंधे में एक बार फिर नाबालिग मजदूरों की संलिप्तता सामने आना न केवल संबंधित सरकारी विभागों पर, बल्कि बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संस्थानों पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

  वन विभाग ने कही कार्रवाई की बात

इस मामले को लेकर गावां वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) अनिल कुमार ने कहा कि उन्हें इस अवैध कारोबार की जानकारी मिली है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही एक टीम गठित की जाएगी और इन अवैध ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की जाएगी।





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