* भारत की शिक्षा-व्यवस्था, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारतीय ज्ञान परम्परा पर डाला प्रकाश
* वियतनाम के शहर में हनोई में आयोजित हुआ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन
* यूनेस्को परिषद में भारत समेत 23 देशों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने देश का किया प्रतिनिधित्व
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लिदरलैंड, चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के साथ डॉ. रणधीर। |
Amit Sahay / Giridih : झारखंड के गिरिडीह जिले के के जमुआ प्रखंड के नईटांड़ निवासी डॉ. रणधीर कुमार ने हाल ही में वियतनाम की राजधानी हनोई में आयोजित एक महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी (UNHCR), ऑस्ट्रेलियन एंबेसी, और आयरलैंड एंबेसी वियतनाम का सहयोग रहा।
60 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने डिजिटल शिक्षा पर किया मंथन
यह सम्मेलन एक वैश्विक मंच था, जिसमें 60 से अधिक देशों के लगभग 150 प्रतिनिधियों और 8 राजदूतों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन के दौरान आयोजित यूनेस्को परिषद् में भारत समेत 23 देशों के प्रतिनिधियों ने शिक्षा और तकनीकी पर केंद्रित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इनमें प्रमुख रूप से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल शिक्षा का योगदान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन, और परंपरागत ज्ञान प्रणाली का समावेश शामिल था।
NEP 2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली पर स्थिति पत्र
भारत के प्रतिनिधि के रूप में, डॉ. रणधीर कुमार ने सम्मेलन में "शिक्षा, भारतीय ज्ञान प्रणाली, पिछड़ेपन की रोकथाम और संस्कृति के क्षेत्र में यूनेस्को की प्रासंगिकता" विषय पर अपना शोध पत्र/स्थिति पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने संबोधन में भारत की शिक्षा व्यवस्था, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020, और भारतीय ज्ञान परम्परा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रामीण भारत में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयासों की जानकारी दी और वैश्विक सहयोग का आग्रह किया।
यूनेस्को से प्राचीन भारतीय विरासत के पुनरुत्थान की अपील
डॉ. रणधीर ने इस अंतर्राष्ट्रीय मंच से यूनेस्को से आदिवासी विरासत, प्राचीन शिक्षा पद्धति और भारतीय संस्कृति को मान्यता देने का आग्रह किया। उन्होंने विशेष रूप से भारत के विलुप्त होते ऐतिहासिक विरासत जैसे अशोक, मगध, मौर्य और छत्रपति शिवाजी महाराज से संबंधित दर्जनों स्थलों के पुनरुत्थान की अपील की, ताकि भारतीय विरासत को वैश्विक पहचान और मजबूती मिल सके।
मानवाधिकार संरक्षण में डॉ. रणधीर का योगदान
डॉ. रणधीर कुमार नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन काउंसिल ऑफ इंडिया (NHRCCB) के चेयरमैन भी हैं। मानवाधिकार के क्षेत्र में वे पूरे भारत में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में हजारों सदस्य समाज के शोषित और कमजोर वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
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