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| स्कूल के बाहर ड्रेस पहने छात्र खड़ा छात्र |
अनिल कुमार चौधरी/ angara(ranchi) प्लस टू हाई स्कूल चिलदाग के तीन सौ से अधिक छात्रों को मंगलवार को ब्लेजर पहनकर नही आने के कारण स्कूल के अंदर नही घुसने दिया गया। बगैर क्लास कराये ही सभी को भगा दिया गया। इसमें काफी संख्या में छात्राएं शामिल थी। बाद में सभी छात्र एक घंटा से अधिक समय तक स्कूल की प्रिंसिपल संगीता रवि से क्लास में अटेंड करने की विनती करते रहे लेकिन प्रिंसिपल नही मानी। उल्टे प्रिंसिपल डंडा लेकर स्कूल के बारह खड़े छात्रों को मारने के लिए दौड़ी। डर से मायूस छात्र बगैर क्लास किये ही अपने अपने घरों को लौट गया। ज्ञात हो कि पूर्व में भी चिलदाग स्कूल अनेक कारणों से विवाद में रहा है। स्कूली ड्रेस सप्लाई को लेकर भी पिछले साल विवाद हुआ था। स्कूल में आये दिन मारपीट की घटना होते रहती है। स्कूल प्रबंधन की इस तानाशाही रवैये से अभिभावकों व ग्रामीणों में काफी रोष है। ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कारवाई करने की मांग की है।
क्या है मामला..
8 दिसंबर को स्कूल प्रबंधन ने एक नोटिश के द्वारा कक्षा 9-12 के छात्रों के लिए ब्लेजर(कोट) पहनकर आने का अल्टीमेटम दिया। कहा गया जो भी छात्र 9 दिसंबर से ब्लेजर पहनकर नही आएगा उसे क्लास में घुसने नही दिया जाएगा। मात्र एक दिन के शार्ट नोटिश व आर्थिक कारणों के कारण अधिकांश छात्र ब्लेजर नही खरीद सके। छात्र पूर्व से चलते आ रहे हरा रंग का स्वेटर या स्कूल ड्रेस पहनकर स्कूल पहुंचे। लेकिन जो छात्र ब्लेजर पहनकर पहुंचे थे उसे स्कूल के अंदर घुसने दिया गया और जो नही पहने थे उसे स्कूल के गेट के बाहर खड़ा कर दिया गया।
कमीशन के खेल के कारण हुआ ब्लेजर कांड
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| हाथ में डंडा लेकर खड़ा प्रिंसिपल |
कमीशन के कारण ऐसा खेला किया गया। गोंदलीपोखर के एक दुकान से चिलदाग स्कूल के बच्चों के लिए ड्रेस, ब्लेजर आदि की सप्लाई की जाती है। स्कूल प्रबंधन ने सभी छात्रों से इसी दुकान से ब्लेजर का निर्देश दिया है। इस दुकान में मार्केट रेट से अधिक पर ब्लेजर बेचा जाता है। जबकी गोंदलीपोखर के ही कई दुकानों में यही ब्लेजर कम दाम में उपलब्ध है। बताया जाता है कि कमीशन के कारण ऐसा किया जा रहा है। कक्षा 9-12 में करीब दो हजार छात्र अध्ययनरत है। इस स्कूल में पढ़नेवाले अधिकांश गरीब छात्र आदिवासी, पिछड़ी, अल्पसंख्यक समाज के आते है। काफी संख्या में दिहाड़ी मजदूर के बच्चें शिक्षा ग्रहण करते है।
तानाशाही प्रिंसिपल पर हो कारवाई: जिला परिषद सदस्य
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| स्कूल के पीछे खड़े छात्र |
जिला परिषद सदस्य अनुराधा मुंडा बताती है, स्कूल प्रिंसिपल की तानाशाही के कारण बच्चें क्लास नही कर सके। यहां पढ़नेवाले अधिकांश बच्चें गरीब परिवार से बाते है उसे ब्लेजर खदीदने के लिए कुछ समय देना था लेकिन स्कूल से निकाल देना शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंधन है। स्कूल की पाठय संस्कृति व अनुशासन भी बदतर हो गया है। एकमात्र प्लस टू स्कूल होने के कारण प्रिंसिपल लगातार मनमानी कर रही है। प्रिंसिपल के खिलाफ कारवाई होनी चाहिए।
आपे से बाहर हुई प्रिंसिपल बोली आरोप निराधार: प्रिंसिपल
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| प्रिंसिपल संगीता रवि |
इधर प्रिंसिपल संगीता रवि का पक्ष रखने के लिए मोबाइन पर फोन किया गया तो वह सवाल दागते ही आपे से बाहर हो गई। बोली आपसे फोन पर बात नही करना है। स्कूल आकर बात करे। फिर भी बताया कि स्कूल ड्रेस नही पहनकर आने के कारण छात्रों को स्कूल में घुसने नही दिया गया। ब्लेजर नही पहनने का आरोप बिलकुल निराधार है।
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