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| बैठक करते राज्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार। |
नोशनल नंबर से दूर होगी विसंगतियां
बैठक में मुख्य रूप से उन मकानों पर चर्चा हुई जिनकी कोई आधिकारिक संख्या नहीं है। ऐसे घरों के लिए 'नोशनल नंबर' जारी किए जाएंगे।
* उद्देश्य: मकान संख्या न होने से एक ही परिवार के मतदाताओं के अलग-अलग केंद्रों पर बंटने की समस्या आती है। नोशनल नंबर से बीएलओ (BLO) को मतदाताओं तक पहुंचने में आसानी होगी।
* मतदाता सीमा: युक्तिकरण के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि एक मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता सूचीबद्ध न हों।
बीएलओ स्टीकर से मिलेगी जानकारी
मतदाताओं की सुविधा के लिए अब हर घर पर बीएलओ स्टीकर लगाया जाएगा। जिन पर निम्नलिखित जानकारी अंकित होंगी:
* बीएलओ का नाम और फोन नंबर
* विधानसभा क्षेत्र और पार्ट नंबर
* मकान संख्या अथवा नोशनल नंबर
वोटर आउटरीच प्रोग्राम पर जोर
के रवि कुमार ने कम मैपिंग वाले क्षेत्रों में वोटर आउटरीच प्रोग्राम चलाने का निर्देश दिया ताकि कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न रहे। उन्होंने पिछले गहन पुनरीक्षण के आंकड़ों के साथ मतदाताओं की शत-प्रतिशत मैपिंग सुनिश्चित करने को कहा।

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