GA4-314340326 पूरे देश के लिए नजीर बनेगी पेसा नियमावली: हेमंत

पूरे देश के लिए नजीर बनेगी पेसा नियमावली: हेमंत

 

राज्यभर से आए जनजातीय जनप्रतिनिधियों के साथ नगाड़ा बजाते मुख्यमंत्री।
रांची (झारखंड): राज्य में पेसा (PESA) नियमावली को राज्य मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में उत्सव का माहौल रहा। राज्य के अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों से आए पारंपरिक प्रधानों, प्रमुखों, मुखियाओं और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का आभार व्यक्त किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री ने खुद नगाड़ा बजाकर अपनी खुशी जाहिर की।

ग्राम सभाओं को मिलेगा निर्णय का अधिकार

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज 'पेसा दिवस' के अवसर पर राज्य सरकार का लक्ष्य साकार हो रहा है। पेसा कानून अब धरातल पर उतरने को तैयार है। उन्होंने जोर दिया कि नियम-कानून में विसंगतियां नहीं होतीं, लेकिन सफलता तभी मिलती है जब उसका क्रियान्वयन ईमानदारी से हो। उन्होंने कहा कि अब जनजातीय समुदायों को अपनी परंपराओं, संस्कृति, जल, जंगल और जमीन पर वास्तविक हक मिलेगा। ग्राम सभाएं अब स्वयं निर्णय लेने के लिए शक्तिशाली होंगी।

अनुसूचित क्षेत्रों के विकास में मील का पत्थर

मुख्यमंत्री ने इसे अनुसूचित क्षेत्रों के विकास में 'मील का पत्थर' बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक कानून नहीं, बल्कि आदिवासियों की भावनाओं और अस्मिता से जुड़ा विषय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नियमावली का ड्राफ्ट जन प्रतिनिधियों और सिविल सोसाइटी के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था और भविष्य पर जोर

मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए अपनी विजन साझा करते हुए कहा कि जब तक गांव मजबूत नहीं होगा, राज्य सशक्त नहीं हो सकता। सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता दे रही है। नौजवानों को नौकरी दी जा रही है। आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी बच्चों के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग की निःशुल्क कोचिंग शुरू की गई है। मुख्यमंत्री मइंया सम्मान योजना के जरिए राज्य की 50 लाख महिलाएं सशक्त हो रही हैं।

प्रतिनिधियों ने जताया आभार

गुमला, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम से आए ग्राम प्रधानों और मुखियाओं (राम प्रसाद बड़ाईक, दिवाकर सोरेन, योगेंद्र भगत और कान्हू मुर्मू) ने कहा कि वर्षों पुरानी मांग पूरी होने से स्थानीय स्वशासन को नई दिशा मिलेगी। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय, विधायक कल्पना सोरेन, पंचायती राज सचिव मनोज कुमार, निदेशक राजेश्वरी बी समेत बड़ी संख्या में ग्राम प्रधान, मुखिया और पेसा मोबलाइजर्स उपस्थित थे।

 मैं आलोचनाओं से नहीं डरता, बल्कि इस बात से डरता हूँ कि कहीं हमारी योजनाएं असफल न हों। इसलिए हमारी सरकार योजनाओं को गंभीरता से धरातल पर उतारने में विश्वास करती है।" -हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री


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