झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता प्रो. विष्णुचरण महतो को 39वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि
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| मंच पर बैठे धनपति महतो, साईं नाथ विश्वविद्यालय के वीसी व अन्य । |
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें याद किया। साईं नाथ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एसके अग्रवाल, समाजसेवी राजाराम महतो, समाजसेवी धनपति महतो और विंग कमान्डर ज्ञानेश्वर सिंह सहित अन्य लोगों ने प्रो. महतो के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
सादगी और उच्च विचार के प्रतिमूर्ति
कुलपति प्रो. अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि स्वर्गीय महतो न केवल कानून के उच्च कोटि के ज्ञाता थे, बल्कि वे उच्च विचार और सादगी की प्रतिमूर्ति भी थे।
समाजसेवी और सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी धनपति महतो ने उन्हें झारखंड आंदोलन का एक अग्रणी नेता बताया। उन्होंने कहा कि प्रो. महतो ने अपना संपूर्ण जीवन गरीबों की सेवा और सिल्ली क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित कर दिया था। उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण आज भी लोग उन्हें एक प्रखर बुद्धिजीवी, समाज सुधारक, कुरमाली भाषा के अस्तित्व के रक्षक और न्यायप्रिय नेता के रूप में याद करते हैं।
तीन पुस्तकों का लोकार्पण
पुण्यतिथि समारोह के दौरान कुरमाली भाषा और साहित्य को समर्पित तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया:
* बारो बरन फुल : (लेखक: कुरमाली भाषा के कवि देवेंद्र नाथ महतो)
* 'सोहराई गीत' : (लेखके कवि मुक्तिपद महतो)
* 'माछी आंधरा' : (लेखक: डॉ. मंजय प्रमाणिक)
कार्यक्रम का सफल संचालन स्वागतध्यक्ष एवं समाजसेवी धनपति महतो ने किया। उन्होंने इस अवसर पर अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।

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