अमित सहाय / गिरिडीह: झारखंड सरकार ने गिरिडीह जिले के पीरटांड़ प्रखंड में एक अत्याधुनिक चिड़ियाघर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। राज्य वन्य जीव बोर्ड (State Wild Life Board) ने इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए, चिड़ियाघर के लिए आवश्यक वन भूमि के उपयोग की अनुमति प्रदान कर दी है।
396 हेक्टेयर में फैलेगा चिड़ियाघर
यह महत्वाकांक्षी परियोजना कुल 396.22 हेक्टेयर भूमि पर आकार लेगी, जिसमें से 62.84 हेक्टेयर गैर-वन भूमि और शेष संरक्षित वन क्षेत्र है। यह चिड़ियाघर दुधनिया, कुम्हरलालो, कवरियाबेड़ा, मदनपुर, कठवारा और कर्णपुरा मौजा की प्राकृतिक रूप से हरी-भरी भूमि पर बनाया जाएगा। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक आदर्श स्थान है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना गिरिडीह में पर्यटन को नई गति देगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी।
सेंट्रल जू अथॉरिटी की मंजूरी का इंतजार
राज्य वन्य जीव बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद, अगला महत्वपूर्ण चरण है सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) से अनुमोदन प्राप्त करना।
* विस्तृत प्रस्ताव जमाज्ञ: राज्य सरकार को चिड़ियाघर खोलने का विस्तृत प्रस्ताव CZA के पास जमा करना होगा।
* स्थल निरीक्षण : CZA की एक उच्च-स्तरीय टीम स्थल का निरीक्षण करेगी।
* प्रक्रिया की शुरुआत: टीम की रिपोर्ट के बाद ही चिड़ियाघर खोलने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
राज्य में वन्य पर्यटन का विस्तार
गिरिडीह में प्रस्तावित चिड़ियाघर राज्य में वन्य पर्यटन को एक नई पहचान देगा। वर्तमान में, झारखंड में केवल तीन चिड़ियाघर हैं, जो रांची, जमशेदपुर और बोकारो में स्थित हैं।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है:
* दुमका में एक नया चिड़ियाघर
* लातेहार के पुतवागढ़ में टाइगर सफारी
विकास के लिए मील का पत्थर
इस निर्णय पर खुशी जाहिर करते हुए मंत्री सुदिव्य सोनू ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को धन्यवाद दिया और इसे गिरिडीह के विकास के लिए एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर खुलने से क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

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