GA4-314340326 गिरिडीह में मोंगिया के प्लांट विस्तारीकरण का भारी विरोध

गिरिडीह में मोंगिया के प्लांट विस्तारीकरण का भारी विरोध

ग्रामीणों ने कहा - 'प्लांट नहीं लगने देंगे तो नहीं लगने देंगे'

लोक जनसुनवाई में मोंगिया ग्रुप के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया, एसडीओ व अन्य।
अमित सहाय / गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीह सदर प्रखंड के चतरो गाँव में मेसर्स मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड की प्रस्तावित विस्तारीकरण परियोजना को लेकर शनिवार को हुई पर्यावरणीय लोक सुनवाई (Public Hearing) में भारी जन-विरोध देखने को मिला। उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय मंझलाडीह के प्रांगण में आयोजित इस सुनवाई में आसपास के लगभग 500 से अधिक ग्रामीणों ने एक स्वर में कंपनी के विस्तार का विरोध किया।

सुनवाई शुरू होते ही विरोध की गूंज

सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत यशवंत विस्पुते की अध्यक्षता में जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, लोगों ने हाथों में तख्तियाँ लेकर ज़ोरदार विरोध शुरू कर दिया। तख्तियों पर लिखा था:

 * स्पंज फैक्ट्री नहीं लगेगा, नहीं लगेगा।

 * गिरिडीह पूर्वी क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करना होगा, करना होगा।

ग्रामीणों ने "प्रदूषण विभाग के अधिकारी वापस जाओ, वापस जाओ", "जिला प्रशासन होश में आओ, होश में आओ" और "पर्यावरण के दुश्मनों होश में आओ" जैसे नारे भी लगाए।

 प्रदूषण से जीवन-बर्बादी की शिकायतें

एसडीओ के समझाने पर जब ग्रामीण शांत हुए, तो बारी-बारी से उन्होंने अपनी पीड़ा और विरोध दर्ज कराया। चतरो, गादी श्रीरामपुर, गंगापुर, मोहनपुर और पूर्णानगर सहित कई अन्य गाँवों के निवासियों ने कहा कि वर्तमान प्रदूषण की वजह से उनका जीवन नर्क बन गया है:

 * स्वास्थ्य संकट: ग्रामीण बीमार हो रहे हैं, और बच्चे अपंग पैदा हो रहे हैं।

 * कृषि क्षति: प्रदूषण से फसलें बर्बाद हो रही हैं।

 * जल संकट: डीप बोरिंग से पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है, और लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं।

 * नदी और पशुधन: नदियां प्रदूषित हो चुकी हैं, और मवेशियों को भी प्रदूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे वे भी बीमार हो रहे हैं।

 यह है प्रस्तावित विस्तार परियोजना

सुनवाई में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (JSPCB) के एक अधिकारी ने प्रस्तावित परियोजना की जानकारी दी। इसके तहत चतरो मौजा के प्लॉट नंबर 45, 47 व 56 में मोंगिया के स्पंज आयरन की उत्पादन क्षमता को 33,000 टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 2 लाख 64 हज़ार टन प्रति वर्ष करना प्रस्तावित है। साथ ही, 1 लाख 98 हज़ार टन प्रतिवर्ष बिलेट उत्पादन के लिए इंडक्शन फर्नेश, री-हीटिंग फर्नेश, रोलिंग मिल और 25 मेगावाट का कैप्टिव पावर प्लांट लगाना भी प्रस्तावित है।

तख्तियां लेकर विरोध  जताते ग्रामीण।

 चेयरमैन की बात सुनते ही फिर हुए उग्र

ग्रामीणों की शिकायतें सुनने के बाद, जब मोंगिया पावर लिमिटेड के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया ने प्रस्तावित परियोजना के बारे में जानकारी देनी शुरू की, तो भीड़ एक बार फिर उग्र हो गई। ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कह दिया, "कुछ नहीं सुनेंगे, प्लांट नहीं लगने देंगे तो नहीं लगने देंगे।" इस तीखे विरोध के बाद, लोक सुनवाई को बीच में ही समाप्त कर दिया गया।

सुनवाई में शामिल प्रमुख लोग

सुनवाई में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद रांची के सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी रामरतन काशी, क्षेत्रीय पदाधिकारी धनबाद के विवेक कुजूर, गादी श्रीरामपुर पंचायत की मुखिया कंचन देवी, मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन गुणवंत सिंह मोंगिया सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। विरोध प्रदर्शन में गादी श्रीरामपुर, मोहनपुर, मंझलाडीह, चतरो, गंगापुर, अंबाडीह, भोरंडीहा, झलकडीहा सहित अन्य आसपास के गांवों के महिला-पुरुष शामिल थे।



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