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बंदियों की रिहाई को लेकर उपायुक्त समेत अन्य। |
अमित सहाय /गिरिडीह : न्याय तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, व्यवहार न्यायालय, गिरिडीह में गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (PDJ) श्री मार्तंड प्रताप मिश्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA), नई दिल्ली के निर्देशों के आलोक में कई अहम फैसले लिए गए।
17 विचाराधीन कैदियों की रिहाई पर अग्रतर कार्रवाई
बैठक में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि नालसा (NALSA) के दिशा-निर्देशों के तहत, जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने गहन समीक्षा के बाद कुल 17 विचाराधीन बंदियों को चिन्हित किया है। इन बंदियों की स्थिति पर विचार करते हुए, उनकी जमानत अथवा रिहाई के लिए तुरंत अग्रतर कार्रवाई (Further Action) करने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय विचाराधीन कैदियों के संबंध में गठित अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी (UTRC) की सिफारिशों पर आधारित है।
9 पीड़ितों को प्रतिकर मुआवजा
पीड़ितों को न्याय और आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से, बैठक में पीड़ित प्रतिकर मुआवजा योजना के तहत आवेदनों की समीक्षा की गई। सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद, कुल नौ पीड़ितों को मुआवजे के लिए उपयुक्त पाया गया। इस मुआवजे में अंतरिम (Interim) और अंतिम (Final) मुआवजा दोनों शामिल हैं।
मंडल कारागार के आधारभूत संरचना संवर्धन पर चर्चा
बैठक में जिला मंडल कारागार (District Jail) की आधारभूत संरचना (Infrastructure) के संवर्धन को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई। जेल की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आवश्यक कार्यों हेतु आवंटन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए भी आदेश दिए। बैठक में डीसी रामनिवास यादव, एसपी डॉ. बिमल कुमार,जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम रवि शंकर मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम प्रीति कुमारी,मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) विनोद कुमार सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) सफदर अली नैय्यर, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (CMO) मोहम्मद ज़फरुल्लाह, प्रोबेशन पदाधिकारी नेहा कंचन टोप्पो, जेलर मंडल कारा धर्मशिला देवी आदि उपस्थित थे।
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