GA4-314340326 सिकिदिरी से बिजली उत्पादन शीध्र, आईआईटी रूड़की ने किया डिजाइन

सिकिदिरी से बिजली उत्पादन शीध्र, आईआईटी रूड़की ने किया डिजाइन

निरीक्षण करती टीम
अनिल कुमार चौधरी/ angara(ranchi)  पिछले चार माह से बंद सिकिदिरी जलविद्युत परियोजना से बिजली का उत्पादन जल्द ही शुरू होगा। इससे राज्य को बिजली संकट से जल्द राहत मिलेगी। शुक्रवार को परियोजना प्रबंधक विनय अंगिरा, वरीय कार्यपालक अभियंता संजय सिंह, वरीय प्रबंधक(सिविल) सुरेश प्रसाद, प्रबंधक सिविल शंभू शरण व कृष्णा प्रसाद ने क्षतिग्रस्त ट्रेस रेक का निरीक्षण किया। शनिवार को भूमि पजन कर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। पीएम विनय अंगिरा ने विश्वास जताया कि दो दिनों के अंदर काम शुरू कर दिया जाएगा। बुधवार को ही कार्य मरम्मति का टेंडर ओपन किया गया। संवेदक दीपक कुमार साह है। इसका प्राक्क्लन बीस लाख रूपया है। ज्ञात हो कि 6 मार्च 2025 को पावर हाउस एक के पास ट्रेस रेक टूट गया था। जिससे बिजली उत्पादन ठप्प हो गया। बिजली उत्पादन ठप्प् होने से इस वर्ष अभी तक राज्य सरकार को करोड़ों रूपया के राजस्व का नुकसान हो चुका है। बिजली उत्पादन ठप्प होने से पिछले दो माह से गेतलसूद डैम का रेडियल गेट व स्लूइस गेट खोलकर लगातार पानी बहाया जा रहा है।  

पचास साल पुराना डिजाइन था ट्रेस रेक, आयु कर चुका था पूरी 

पचास साल पुराना डिजाइन को मरम्मत कराने के लिए परियोजना को काफी मशक्कत करना पड़ा। परियोजना के पास इसका कोई डिजाइन नही था। उर्जा विभाग के वरीय अधिकारी लगातार इसकी मानिटरिंग कर रहे है। ट्रेस रेक के मरम्मत का डिजाइन ड्राइंग बनाने के लिए सिकिदिरी परियोजना की ओर से आईआईटी रूड़की, आईएसएम धनबाद, एनआईटी जमशेदपुर, बीआईटी मेसरा, मुंबई सहित अन्य उच्च तकनीकी संस्थान से विस्तृत चर्चा के उपरांत आईआईटी रूड़की को कंसलटेंट नियुक्त् किया गया। रूड़की सिविल इंजीनियरिंग में देश का अग्रणी संस्थान है। डिजाइन बनाने से पूर्व दो माह से भी अधिक समय से रूड़की के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम लगातार ट्रेस रेक का भौतिक निरीक्षण करती रही।  

क्षतिग्रस्त ट्रेस रेक
क्या है ट्रेस रेक..ट्रेस रेक बिजली उत्पादन के लिए पानी छोड़ने का एक प्रमुख साधन है। इसका निर्माण 1976 में किया गया था। समय समय इसका रिपेयर होता रहा है। बिजली उत्पादन के दौरान ट्रेस रेक में दोनों तरफ से 2000 क्यूसिक पानी का प्रेशर रहता है। ट्रेक रेक का लाइफ पूर्ण हो गया था जिस कारण मार्च माह में अचानक से टर्बाइन बंद करने के दौरान पानी के प्रेशर से यह धवस्त हो गया। ट्रेस रेक का सिविल स्ट्रक्चर व जाली टूट गया। जिस कारण पानी का ठहराव बंद हो गया। परियोजना निर्माण के समय इसका लाइफ 30-35 साल बताया गया था। चूंकी सिकिदिरी में एक ही सीरिज में एक ही पानी से दो जगहों सिकिदिरी घाटी स्थिति पावर हाउस एक व हुंडरू फाल स्थित पावर हाउस दो से बिजली का उत्पादन करती है। दोनों जगहों पर 65-65 मेगावाट कुल 130 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। ट्रेस रेक पानी के मेन लाइन में है इसलिए इसके क्षतिग्रस्त होने से दोनों जगहों से बिजली का उत्पादन ठप्प् हो गया।  

उच्च गुणवत्तायुक्त बनाया जाएगा ट्रेस रेक: परियोजना प्रबंधक विनय अंगिरा

परियोजना प्रबंधक विनय अंगिरा ने बताया कि संवेदक को तकनीकी मापदंडों का अनुशरण करते हुए शीध्र कार्य का निष्पादन करने का निर्देश दिया गया है। गुणवत्ता पूर्ण निर्माण हो इसलिए देश के अग्रणी तकनीकी संस्थानों का सहयोग लिया गया। चूंकी ट्रेस रेक पहाड़ी पर स्थित है इसलिए संवेदक को मशीनरी का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। रूड़की की टीम ने स्टीम लाइन वाटर फलो सुनिश्चित करने के लिए कार्यस्थल पर स्ट्रक्चर मोडिफिकेशन किया गया है। विनय अंगिरा ने बताया कि पुरानी डिजाइन की जगह इस पर गुणवत्तापूर्ण सिविल स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है जिसका 100 बेयरिंग केपसिटी रहेगा।

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