दो मंदिरकर्मी कैमरे में कैद, एसडीओ ने दिए जांच के निर्देश
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शीघ्र दर्शनम के लिए कतार में खड़े भक्तों से वसूली करते मंदरिकर्मी। |
क्या है 50 सेकेंड के वीडियो में
50 सेकेंड का यह वीडियो में प्रशासनिक कार्यालय के पहले फ्लोर मुख्य प्रबंधक के चैंबर के पास सीढ़ी के बगल की है, जहां भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है। दो मंदिर कर्मी भोला और संतोष ऊपर चढ़ कर भक्तों से खुलेआम पैसे ले रहे हैं और उनका नाम लिखकर वीआईपी रास्ते से मंदिर में प्रवेश करवा रहे हैं। आश्चर्य यह है कि दो पुलिसवाले भी वहां मौजूद हैं, जिनकी मौजूदगी में वसूली हो रही है। पुलिसवाले भी कैमरे भी कैद हुए हैं। हालांकि पुलिसवाले वसूली नहीं कर रहे थे।
जांच के नाम पर खानापूर्ति न हो, प्रशासन तह तक जाए : महामंत्री
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से वसूली का वीडियो देखे हैं। डीसी-एसपी को मामले की जानकारी दी गई है। वीडियो में कैद लोग प्रशासनिक भवन में हमेशा देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए दो तरह की व्यवस्था बनाई गई है। एक सामान्य भक्तों की कतार और दूसरा वीआईपी दर्शन यानी शीध्र दर्शनम। लेकिन मंदिर कर्मचारी अपने तरीके से एक अलग तरह से भी दर्शन करा रहे हैं, जिसमें पैसे लेकर भक्तों को घुसपैठ कराया जा रहा है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिला प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की तह तक जाए। आखिर किसके शह पर वसूली का यह खेल चल रहा है। मंदिर कर्मियों से पूछने पर कहते हैं कि इसमें सबों की मिली-भगत है। इस मामले की जांच में खानापूर्ति न हो। प्रशासन इसके तह में जाए और दोषियों पर उचित कार्रवाई करे। क्योंकि इससे मंदिर प्रबंधन के राजस्व की भी हानि हो रही है।
अबिलंव कार्य मुक्त हो रमेश परिहस्त : विनोद द्वारी
उधर, अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद दत्त द्वारी ने डीसी को ज्ञापन सौंप कर भक्तों से वसूली मामले में मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त को अबिलंव कार्यमुक्त करने की मांग की है। विनोद द्वारी का कहना है कि भक्तों से वसूली का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिससे बैद्यनाथ मंदिर, जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। साथ ही पंडा-पुरोहित समाज में भी आक्रोश गहराया जा रहा है। मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त के विरुद्ध पूर्व से ही कई आरोप एवं जांच लंबित है। उनके कारनामों की सूची बहुत लंबी है। जिला प्रशासन एवं पुरोहित समाज की बैठक में निर्णय लिया गया था कि प्रशासनिक भवन से सिर्फ पदाधिकारी एवं उनके द्वारा अनुशंसित एवं अधिकृत दर्शनार्थियों को ही प्रवेश की अनुमति है। फिर किस प्रकार और किनके संरक्षण में वसूली हो रहा है, इसकी जांच अति आवश्यक है। इसके लिए एक जून 2025 से लेकर अबतक प्रशासनिक भवन लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज को खंगाला जा सकता है।
एसडीओ बोले-जांच कराई जाएगी
एसडीओ सह बैद्यनाथ मंदिर प्रभारी रवि कुमार ने बताया कि वीडियो के बारे में जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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