फोटो: बीएयू में समीक्षा बैठक करतीं कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की।
(KANKE NEWS, RANCHI) । कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने शुक्रवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में वीसी डॉक्टर सुनील चंद्र दूबे सहित अन्य वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें उनके साथ कांके विधायक सह सदस्य प्रबंध पर्षद सुरेश कुमार बैठा भी मौजूद थे। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सरकार झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से विश्वविद्यालय में शिक्षकों, वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों के रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती के लिए कारगर पहल करेगी। उन्होंने जेपीएससी को अब तक नियुक्ति के लिए भेजी गई अधियाचना की प्रति यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा जिससे वे अपने स्तर से आवश्यक पहल कर सकें। उन्होंने विश्वविद्यालय को अपने आंतरिक स्रोतों से राजस्व बढ़ाने की सलाह भी दी ताकि विश्वविद्यालय की छोटी-मोटी आवश्यकताएं उसी से पूरी हो सकें। बीएयू को राज्य सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़े। उन्होंने विश्वविद्यालय के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया तथा आगामी वर्ष की कार्य योजना के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जिन गांवों में तकनीकी विकास कार्यक्रम चला रहा है,वहां उसका प्रभाव दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीएयू के तकनीकी सहयोग से राज्य सरकार अक्टूबर माह में मोराबादी मैदान में एक विराट कृषि मेला का आयोजन करेगी, जिसमें बड़ी संख्या में राज्य भर के किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस अवसर पर बीएयू के वीसी डॉ सुनील चंद्र दूबे ने वर्ष 2024-25 की उपलब्धियां का ब्योरा रखा। साथ ही वर्ष 2025-26 की कार्य योजना की रूपरेखा मंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के जन्म स्थान उलिहातू (खूंटी), वीर बुधु भगत के जन्म स्थल सिलागाई और कमाटी (चान्हो, रांची), शहीद अल्बर्ट एक्का के जन्म स्थल जारी (गुमला) और पूर्व केंद्रीय मंत्री कार्तिक उरांव के जन्म स्थल लिट्टी टोली (गुमला) को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए बीएयू इनको अंगीकृत करेगा। बताते चलें बीएयू के तहत कृषि, वानिकी, वेटनरी, हार्टिकल्चर, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, डेयरी, फिशरी सहित कुल 11 कॉलेज संचालित हैं। इनमें लगभग 700 से अधिक वैज्ञानिकों, प्रोफेसर्स, एसोसिएट तथा अस्सिटेंट प्रोफेसर के पद स्वीकृत हैं। लेकिन यहां लगभग 120 स्थायी शिक्षक और वैज्ञानिक ही कार्यरत हैं। बीएयू से नियुक्तियों का अधिकार वर्ष 2014 से वापस लेकर इसको जेपीएससी को दे दिया गया था। इस कारण विश्वविद्यालय को शिक्षकों वैज्ञानिकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। जेपीएससी मुश्किल से 20 शिक्षक वैज्ञानिकों की ही बहाली कर सका है। पूरे देश में कृषि विश्वविद्यालयों को नियुक्ति का अधिकार प्राप्त है। इसको देखते हुए बीएयू के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने विश्वविद्यालय को नियुक्ति का अधिकार वापस देने का प्रस्ताव भी पारित किया है। यदि इसपर राज्य सरकार गंभीरता से पहल करती है तो विश्वविद्याल एवं उसके तहत संचालित कॉलेजों की स्थिति बदल सकती है। बैठक में डीन डॉ डीके शाही, डीन डॉक्टर एमके गुप्ता, डीन डॉ एमएस मलिक, डॉ बीके अग्रवाल, एसोसिएट डीन डीके रूसिया सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बीएयू में की समीक्षा बैठक, रिक्त पदों को जल्द भरने के पहल की बात कही
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