GA4-314340326 महाराजा मदरा मुंडा की जयंती पर सुतियांबे में जुटा जनजातीय समाज

महाराजा मदरा मुंडा की जयंती पर सुतियांबे में जुटा जनजातीय समाज

महाराजा मदरा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते जनजातीय समाज के लोग।
Kanke (Ranchi) :  चैत्र पूर्णिमा के शुभ अवसर पर शनिवार को हर साल की तरह महाराजा मदरा मुंडा सेवा संस्थान न्यास ट्रस्ट द्वारा मुंडाओं के गढ़ सुतियांबे (पिठोरिया) में महाराजा मदरा मुंडा की जयंती मनाई गई। सुतियांबे गढ़ के मुख्य पहान प्रदीप पहान के नेतृत्व में रूढ़ी प्रथा से विधि-विधान के साथ डाक नगरा , बाजे-गाजे के साथ मुंडाओं के ऐतिहासिक 44 धार्मिक स्थलों, मरंगबुरू, कंमपार्ट, पिलचु हड़ाम, पिलचु, बुढही सूर्यमंडा, बाघ-बाघिन, गढ़बारी सहित सभी 44 धार्मिक स्थलों पर पूजा-पाठ की गई। जिस स्थान पर जिसकी बलि देनी है, वहां उसकी बलि दी गई। जैसे कंमपार्ट पर भेड़ा ऊपर में मरंगबुरू पर बकरा, पिलचु हड़ाम, पिलचु बुढही पर मुर्गी गड़बड़ी में मुर्गा-मुर्गी रूढ़ी प्रथा के अनुसार पूजा-पाठ की गई। जहां-जहां फूल-पत्ती लगता है, वहां-वहां फूल-पत्ती से पूजा-पाठ की गई। पूजा-पाठ करने के बाद प्रसाद ग्रहण कर वाद्य यंत्रों के धुन पर खूब नृत्य किया गया।

पूर्वजों की दी हुई रूढ़ी प्रथा को बचाए रखने का आग्रह

मौके पर महाराजा मदरा मुंडा सेवा संस्थान न्याय ट्रस्ट की अध्यक्ष बीना मुंडा और संरक्षक पहलवान सिंह मुंडा ने संयुक्त रूप से युवा वर्ग एवं आनेवाली पीढ़ी से आग्रहपूर्वक कहा कि पूर्वजों की दी हुई पूजा-पद्धति रूढ़ी प्रथा को बरकरार रखना है। अपना कस्टम के अनुसार ही पूजा-पाठ करना है। जनजातीयों/ आदिवासियों का रूढ़ी प्रथम ही पहचान है और संविधान से भी प्रदत्त है। जब तक जनजातियों की रूढ़ी प्रथा है, तब तक जनजातियों का कोई भी अधिकार नहीं छीन सकता है। कस्टम रहेगा तो जनजाति रहेगा, कस्टम नहीं रहेगा तो जनजाति नहीं रहेगा। आने वाले दिनों में जन्म जयंती को इससे भी बृहद रूप से मनाने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विमल पहान, झालो मुंडा, मुन्नी देवी, सुनीता मुंडा, शिवानी मुंडा, हेमंती मुंडा, जितेश्वर मुंडा, महेंद्र मुंडा, बलराम मुंडा, राजेंद्र पहान, रवि पहान, प्रवीण पहान, भवानी मुंडा, गणेश मुंडा, बालेश्वर पहान, रघु पहान, दीनू पहान, संदीप उरांव, सोमा उरांव, सुरेश उरांव, बाहा उरांव, शुकरा उराँव, प्रेमचंद पहान व अन्य लोगों का सराहनीय योगदान रहा।




Tribal community gathered in Sutiyanbe on the birth anniversary of Maharaja Madra Munda

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box.

और नया पुराने