मेगा फूड पार्क का फाइल फोटो |
रिनोवेशन कराकर काम शुरू करेंगे: ज्ञान प्रकाश साहू
बाबा राइस मिल के मालिक ज्ञान प्रकाश साहू ने बताया कि एनसीएलटी के 20 करोड़ रूपया में इंडियन बैंक द्वारा कराये गये आक्शन में मेगा फूड पार्क गेतलसूद को खरीदा है। वर्षो से डेड एसेट हो चुके इस भूखंड पर इंडस्ट्री लगातार राेजगार सृजन करेंगे। जल्द ही रिनोवेशन कराकर काम शुरू किया जाएगा।
मेगा फूड का उदघाटन तो हुआ लेकिन किसी कंपनी ने नही लगाया यूनिट
मालूम हो कि इसका उदघाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 15 फरवरी 2016 को किये थे। मेगा फूड पार्क का उदघाटन तो हुआ लेकिन आज तक यहां पर काम शुरू नही हुआ। सबलीज पर लिये हुए किसी कंपनी ने यहां पर यूनिट स्थापित नही किया। आज मेगा फूड परिसर के चारों तरफ झाड़ियों उग गई है। प्रारंभ में 33 कंपनियों को जमीन सबलीज पर दी गयी थी लेकिन किसी भी कंपनी ने एक ईंच जमीन में काम शुरू नही किया हैं। सब्जी खरीद के लिए मंगाये गये दस मोबाइल वैन व दो रिफ्रिजेरेटर मोबाइल वैन रखे रखे जर्जर हो गया। मेगा फूड पार्क का निर्माण 114.76 करोड़ की लागत से कराया गया है। इसके निर्माण में पचास करोड़ रू. की सब्सिडी केन्द्र सरकार व शेष राशि का वित्तीय मदद इंडियन बैंक ने दी थी। मेगाफूड पार्क की आधारशिला 9 फरवरी 2009 को रखी गयी थी।
गेतलसूद में रियाडा की सभी भूखंड का हो चुका आक्शन, जल्द कई उद्याेग खुलेंगे
गेतलसूद में रियाडा की 106 एकड़ भूमि है। जिसमें रियाडा के 56 एकड़ भूमि में मेगाफूड पार्क का निर्माण किया गया है। हाल के समय में 11 प्लाट का आक्शन किया जा चुका है। एक दो साल के अंदर सभी प्लाट में उद्योग के खुलने की संभावना है। मेगा फूड पार्क के अंदर देश के सबसे बड़े कोल्ड स्टोर का निर्माण किया गया है। यहां पर 15 मिट्रिक टन अनाज का स्टोर किया जा सकता है। वेयरहाउस, चौबीस घंटे बिजली के लिए एक पावर सबस्टेशन, पेयजल की व्यवस्था बनाया गया है। पिछले एक दशक से मेगा फूड पार्क के अंदर रखी अधिकांश समानों की चोरी हो गई है।
बाबा रामदेव की पतंजली भी नही लगा पाया यूनिट
ज्ञात हो कि पतंजली आयुर्वेद करोड़ों की लागत से यहां 500 टन प्रतिदिन उत्पादन वाले पशु आहार प्लांट, प्रतिघंटा 20 टन टमाटर के प्रोसेसवाली युनिट, मटर, गोभी प्रोसेस युनिट लगानी थी। लेकिन कुछ नही हुआ। इसके अलावा लगभग पांच करोड़ की लागत से कीचनमेट कंपनी रांची, सात करोड़ की लागत से इस्टर्न मैन्यूफेक्चरिंग और एक्सपोर्ट, तीन करोड़ की लागत से राहा इंटरप्राइजेज, पांच करोड़ की लागत से विजय केशव इंडस्ट्रीज, सात करोड़ की लागत से फैजल फूडस प्रालि को अपना यूनिट लगाना था लेकिन कुछ नही हुआ।
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