गिरिडीह में पीएम जनमन, धरती आबा और आदि कर्मयोगी अभियान की प्रगति की समीक्षा
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समीक्षा बैठक शामिल उपायुक्त, केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव व अन्य। |
आदिवासी सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
संयुक्त सचिव ने विशेष रूप से आदि कर्मयोगी अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के बीच क्षमता निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, यही इस अभियान का अंतिम लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा के स्तर में सुधार एवं युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अनेक कार्य किए जा रहे हैं।
गिरिडीह उपायुक्त ने दी प्रगति की जानकारी
गिरिडीह उपायुक्त अमित सहाय ने संयुक्त सचिव को अभियानों की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि "आदि कर्मयोगी अभियान" आदिवासी बहुल गांवों के समग्र विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से जुड़ी सभी योजनाओं की बारी-बारी समीक्षा की गई है तथा लक्ष्य अनुरूप शत-प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
बिरहोर परिवारों पर विशेष ध्यान
उपायुक्त ने विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति समुदाय और बिरहोर परिवारों को सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं से पूरी पारदर्शिता और प्राथमिकता के साथ लाभान्वित करने का निर्देश दिया। उन्होंने जानकारी दी कि गिरिडीह जिले में कुल 08 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) क्षेत्र हैं, जिनमें बगोदर प्रखंड में 03, सरिया प्रखंड में 03 तथा गांवा प्रखंड में 02 क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी बिरहोर परिवारों को लाभ दिलाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैठक में पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, निदेशक डीआरडीए, सिविल सर्जन समेत अन्य संबंधित जिला एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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