GA4-314340326 घासी समाज को दे आदिवासी का दर्जा: मुकेश नायक

घासी समाज को दे आदिवासी का दर्जा: मुकेश नायक

मुकेश व संदीप नायक
angara(ranchi)  झारखंड के घासी जाति को अजजा की सूची मेँ शामिल करने की मांग को लेकर घासी समाज क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन करेगा। उक्त निर्णय घासी समाज युवा कल्याण संगठन, झारखंड की शुक्रवार को रांची में हुई बैठक में लिया गया। इसकी अध्यक्षता प्रदेश युवा अध्यक्ष टाइगर संदीप नायक ने की। कार्यकारी अघ्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि झारखंड का घासी समाज मूलत: आदिवासी समाजस का ही एक अंग है। लेकिन साजिश करके घासी समाज को अजा की सूची में डाला गया है। जबकी घासी समाज का आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक, जीवन-यापन के तरीके, भाषा, संस्कृति सभी कुछ जनजाति समाज से मिलता है। घासी समाज झारखंड का मूलवासी समुदाय है, जिसकी अपनी विशिष्ट परंपराएं, संस्कार और संस्कृति रही है। उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति आज भी बेहद पिछड़ी हुई है। उन्होंने कहा हमारे समाज के रीति-रिवाज मुंडा, उरांव, संथाल और खड़िया की तरह ही जनजातीय परंपराओं से जुड़े है। भूमि, उत्तराधिकार और पारिवारिक परंपराओं में भी हम हमेशा से आदिवासी ढांचे का हिस्सा रहे है। लेकिन अनुसूचित जाति में शामिल करने से समाज को शिक्षा, राजनीति और रोज़गार के क्षेत्र में निरंतर उपेक्षा झेलनी पड़ रही है। 

1950 की अधिसूचना में घासी जाति को अजजा सूची से हटाया गया: टाइगर संदीप नायक


ऐतिहासिक दस्तावेज
टाइगर संदीप नायक ने कहा कि वर्ष 1931 से पहले घासी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया गया था। लेकिन स्वतंत्रता के बाद 1950 की अधिसूचना में बिना किसी स्पष्ट कारण के इस समाज को अनुसूचित जाति की सूची में डाल दिया गया, जो घासी समाज के साथ घोर अन्याय है। संदीप नायक ने बताया कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम 1865 में ब्रिटिश शासनकाल में ही घासी समाज को आदिवासी मानते हुए अधिनियम की कई धाराओं से छूट दी गई थी। इसके बावजूद स्वतंत्र भारत में घासी समाज को आदिवासी से हटाकर अनुसूचित जाति की श्रेणी में डालना ऐतिहासिक भूल है। 

अन्य राज्यों में घासी जाति को है आदिवासी का दर्जा 


मुकेश नायक ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में घासी जाति को आदिवासी का दर्जा प्राप्त है। राजस्थान, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, असम में घासी आदिवासी की दर्जा में है। पिछले कई दशक से घासी समाज को अजजा की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर लगातार घासी समाज आंदोलन कर रहा है।  

घासी समाज के बुद्धिजीवियों ने दिया समर्थन 


इस आंदोलन को घासी समाज के बुद्धिजीवियों ने भी अपना समर्थन दिया है। पद्मश्री मुकुंद नायक और पद्मश्री महावीर नायक ने आंदोलन का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा जिस तरह भोक्ता समाज को पहले अनुसूचित जाति से निकालकर पुनः अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया, उसी तर्ज पर घासी समाज को भी तत्काल आदिवासी सूची में शामिल किया जाए। घासी समाज अपने अधिकार को लेने के लिए चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। 

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