* सोशल मीडिया में उठ रहे सवाल 300 एकड़ में खेती नहीं होने के लिए कौन है जिम्मेवार
* पढ़िए कहां और क्या है पूरा मामला
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गांव के एक खेत में उगी घास और जंगली पौधे। |
महतो गाड़ता है वाण, तब शुरू होती है धनरोपनी
रंगामाटी गांव में वर्षों से एक परंपरा चली आ रही है कि पहले गांव के महतो धनरोपनी के लिए वाण गाड़ता है, उसके पूरे गांव में धान की रोपाई शुरू होती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अगर गांव के महतो से पहले कोई धनरोपनी करता है, तो उसके परिवार में विघ्न बाधा आने की आशंका बनी रहती है। पहले ऐसा हो चुका है। इसी अनहोनी के डर से गांव के महतो द्वारा पहले धान की रोपाई के लिए बाण नहीं गाड़ने पर ग्रामीणों ने इस वर्ष धान की रोपाई ही नहीं की है। गांव में सारा खेत खाली पड़ा हुआ है।
बिचड़ा डालने के समय विधायक ने की थी बैठक
इस वर्ष लगातार हो रही बारिश के बीच धान का बीज डालने के समय स्थानीय विधायक अमित महतो ने दोनों पक्षों और ग्रामीणों के साथ विवाद के समाधान को लेकर बैठक की थी। लेकिन बैठक में दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद्द पर अड़े रहे। गांव के महतो जगदीश ने दिलीप महतो से जमीन का कागज दिखाने को कहा, तो दिलीप ने कहा कि आप कागज देखनेवाले होते कौन हैं? मामला कोर्ट में है तो हम सीओ या फिर कोर्ट में ही कागजात दिखाएंगे। दोनों की जिद्द के आगे बैठक में कोई निर्णय नहीं निकल सका। आज परिणाम यह है कि महतो ने वाण नहीं गाड़ा, तो खेत खाली रह गया है।
पूर्व विधायक ने लिया संज्ञान
ग्रामीणों ने बताया कि रंगामाटी गांव के निवासी महेंद्र महतो बीआईटी मेसरा में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे। पांच दिन पहले ओरमांझी में हुई सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई है। गुरुवार को पांच नहान रस्म में पूर्व विधायक सुदेश कुमार महतो उनके परिवार से मिलने आए थे। वहां ग्रामीणों ने उन्हें इस मामले से अवगत कराया, तब पूर्व विधायक ने इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन से सवाल पूछा। इधर, ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कुछ लोगों ने इस बीच हल्ला कर दिया कि सूखा राहत के तहत पैसा मिलेगा, इस कारण गांव में खलबली मच गयी। वहीं बाजारटांड़ स्थित एक दुकान में सौ-डेढ़ सौ लोगों ने भी फार्म खरीद लिया।
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