KANKE NEWS,(RANCHI)। रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (रिनपास) कांके एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के कांके से विधायक सुरेश कुमार बैठा और प्रखंड अध्यक्ष संजर खान ने रिनपास में संविदा पर 24 अगस्त को विभिन्न पदों पर होने वाली नियुक्ति परीक्षा को अविलंब स्थगित करने की मांग विभागीय मंत्री डॉ इरफान अंसारी और स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह से की है। इस संबंध में प्रखंड अध्यक्ष संजर खान ने गुरुवार को पत्र लिख कर यह मांग की। वहीं विधायक सुरेश कुमार बैठा ने कहा कि 2002 के बाद से संस्थान में स्थाई पदों पर बहाली नहीं हुई है। रिनपास में 19 साल से स्थाई निदेशक तक नहीं है। कहा कि स्वीकृत पदों के विरुद्ध भी केवल 20 से 30 फीसदी स्थाई कर्मी और अधिकारी बचे हैं। कहा कि ऐसी स्थिति में साइकियाट्रिक नर्स, मेल और फीमेल वार्डर, ईसीजी टेक्नीशियन, लाइब्रेरियन, रिकार्ड कीपर, साइकोलॉजी प्रयोगशाला सहायक, अकाउंट क्लर्क आदि के पदों पर संविदा पर नियुक्ति करना उचित नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब इन पर स्थाई बहाली ही होनी चाहिए। वहीं प्रखंड अध्यक्ष संजर खान ने आरोप लगाया कि 24 अगस्त को होने वाली लिखित परीक्षा में किनका चयन किया जाना है, वह पहले से ही तय है। जिन अभ्यर्थियों को चयनित किया जाना है, उनकी सूची पहले से ही तैयार कर निर्वतमान प्रभारी निदेशक एवं उनकी टीम ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी को भेज दिया है। इनमें रिनपास के कुछ कर्मियों और स्वास्थ्य विभाग के सगे संबंधियों का नाम है। यह परीक्षा सिर्फ दिखावा है। इन लोगों से बड़ी राशि की वसूली भी कर ली गई है। संजर खान ने कहा कि सीएम और विभागीय मंत्री स्वास्थ्य विभाग को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन कुछ पदाधिकारी अपनी कमाई के लिए सरकार की छवि को खराब करने में लगे हैं। कहा कि इन पदों के लिए विज्ञापन की खानापूर्ति की गई थी। इस कारण स्थानीय आदिवासी, अनुसूचित जाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के सुयोग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से भी वंचित रह गए हैं। ऐसे में एजेंसी के माध्यम से परीक्षा कराना स्थानीय लोगों के साथ अन्याय होगा। कहा कि स्थाई नियुक्ति रिनपास प्रबंधकारिणी समिति और स्थाई निदेशक के देखरेख में पारदर्शिता से कराई जानी चाहिए। उन्होंने संस्थान में वर्षों से कार्यरत निजी सुरक्षाकर्मियों को पुरुष एवं महिला वार्डर के पद पर समायोजित करने की मांग भी की। साथ ही समानता सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा सुरक्षा कर्मियों को दिए जाने वाले बोनस, ईपीएफ राशि भुगतान में किए गए घोटाले की जांच कर कारवाई की मांग की। उन्होंने डॉ जयति सिमलाई के तीन वर्ष के कार्यकाल में मनमाने ढंग से आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से दर्जनों लोगों को पैसे लेकर नर्स, वार्ड अटेंडेंट, गार्ड और सफाईकर्मी सहित अन्य पदों पर गुपचुप ढंग से रखने, गैर जरूरी ढंग से चहेते एजेंसियों को कार्य देने, मरम्मत, फर्नीचर, कंप्यूटर, दवाएं आदि की खरीद किए जाने आदि की विशेष ऑडिट तथा जांच कराने की मांग की है। उन्होंने निवर्तमान निदेशक की नियुक्ति को भी अवैध बताते हुए इसकी जांच कराते हुए तत्काल मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष के पद से हटाने एवं बर्खास्त करने की मांग की है। कहा कि प्राध्यापक नहीं होने के बाद भी उनको निदेशक का प्रभार कैसे दिया गया यह भी जांच का विषय है।
विधायक व प्रखंड अध्यक्ष ने की रिनपास में संविदा पर होने वाली नियुक्ति परीक्षा को स्थगित करने की मांग, निवर्तमान निदेशक के कार्यकाल व नियुक्ति की भी जांच की मांग की
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