GA4-314340326 दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन, झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन, झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक

* 4 से 5 अगस्त तक राज्य सरकार के सारे कार्यलय बंद रहेंगे
* 4 से 6 अगस्त तक राज्य में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे
* तीनों तक कोई राजकीय समारोह का आयोजन नहीं होगा

शिबू सोरेन (फाइल फोटो)
Ranchi : दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार की सुबह निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। वे किडनी समेत कई अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। अस्पताल में ही उन्होंने 4 अगस्त की सुबह 8:56 बजे अंतिम सांस ली। वे 81 वर्ष के थे। जून में किडनी संबंधी समस्याओं के कारण दिल्ली के Sir Ganga Ram Hospital में भर्ती कराया गया था। महीनेभर से वेंटिलेटर पर थे। शिबू सोरेन के निधन की सूचना उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद एक्स पर पोस्ट करके दी, उन्होंने लिखा ‘आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं...’ राज्य सरकार ने शिबू सोरेन के निधन पर राज्य में तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। राज्य सरकार के संयुक्त सचिव अखलेश कुमार सिन्हा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि चार से छह अगस्त तक राज्य में राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान राज्य के उन सभी भवनों जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाते हैं, वहां राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। साथ ही इस अवधि में किसी भी तरह के राजकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार के सभी कार्यालय 4 अगस्त और  5 अगस्त को बंद रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पीएम ने अपने शोक संदेश में उन्हें जमीनी नेता व आदिवासी उत्थान का सजग प्रहरी बताया है। 

  सीएम का एक्स पर पोस्ट


दिशोम गुरु के बारे में जानिए...

शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को तत्कालीन हजारीबाग जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत नेमरा (Nemra) गांव के एक संथाली आदिवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई वर्तमान के रामगढ़ जिले में पूरी की। 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने संथाल नौजवान संघ की स्थापना की, और बाद में जमीन एवं जनजातीय अधिकारों की रक्षा को लेकर आंदोलन किया। 1972–73 में A.K Roy और Binod Bihari Mahato के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha (JMM) की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने अलग झारखंड राज्य के गठन के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। 1987 में JMM के अध्यक्ष बने और अप्रैल 2025 तक इस पद पर लगभग 38 साल तक बने रहे। बाद में वे ‘Founding Patron’ बने और पार्टी का नेतृत्व Hemant Soren को सौंपा गया ।

लोकसभा, राज्यसभा व केंद्रीय मंत्री पद : पहली बार 1980 में लोकसभा सदस्य चुने गए। बाद में 1989 से 1998 तक और 2002–2019 तक लगातार दुमका से सांसद रहे । 2002 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। 2004 में केंद्र सरकार में कोयला मंत्री बने। तीन बार केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे। 2006 में हत्या के आरोप में दोषी पाए गए तब मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। मार्च में 2 से 12 तारीख तक पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने । इसके बाद अगस्त 2008 से जनवरी 2009, दिसंबर 2009 से जून 2010 तक सीएम के पद पर रहे। 
परिवार : परिवार में पत्नी रूपी सोरेन ( Roopi Soren), पुत्र हेमंत सोरेन ( Hemant Soren), बसंत सोरेन ( Basant Soren), बेटी अंजलि सोरेन (Anjali Soren) का भरापूरा परिवार है।

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