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मृतक युवा व्यवसायी दीपक शर्मा |
सीएचसी ने नही किया इलाज, लगातार हो रही रक्तस्त्राव बनी मौत का कारण
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शव के साथ सीएचसी आ घेराव करते ग्रामीण |
मेडिका अस्पताल के चिकित्सक ने बताया की अत्यधिक रक्तस्त्राव के कारण दीपक की मौत हुई है। दस मिनट पहले लाया जाता तो जान बचाया जा सकता है। इसके बाद शव लेकर ग्रामीणों ने सीएचसी अनगड़ा का घेराव किया। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्राथमिक उपचार कर दिया जाता तो रक्त स्त्राव रुक जाता और दीपक की जान बच सकती थी। ग्रामीण लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों को बुलाने की मांग कर रहे थे। दोनों चिकित्स्कों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे। सूचना मिलने पर अनगड़ा थाना प्रभारी हीरालाल शाह, अनगड़ा बीडीओ जयपाल सोय, सीओ राजू कमल मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे।
लापरवाही बरतनेवाले चिकित्सको के खिलाफ हत्या का मामला
इधर मृतक दीपक की पत्नी स्वीटी कुमारी ने दोनों चिकित्सकों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए अनगड़ा थाना प्रभारी को आवेदन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद शाम सात बजे मामला शांत हुआ। आक्रोशित ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक रामकुमार पाहन ने इसे घोर लापरवाही बताये हुए चिकित्साकों पर कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान सीएचसी घेराव के दौरान व्यवसायी विक्की सोनी, सुरज गुप्ता, अभिनीत केसरी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र महतो, जिला परिषद सदस्य अनुराधा मुंडा, रामपोदो महतो, जेएलकेएम नेता जलेश्वर महतो उर्फ मार्शल, कांग्रेस नेता विश्राम महतो, आजसू के प्रखंड अध्यक्ष जगन्नाथ महतो, ज्योतिष महतो, शिवशंकर केसरी, सिकंदर अंसारी, जगन्नाथ महतो, रामसाय मुंडा, राजू प्रमाणिक, सचिन केसरी, सोनू केसरी, जमील अंसारी सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे। दीपक के दोस्तों ने बताया कि दीपक शर्मा काफी मिलनसार किस्म का व्यवसायी था। सामाजिक कार्यो में हमेशा बढ़चढ़कर हिस्सा लेता रहता था। उसके निधन से काफी क्षति हुई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए किया गया रिम्स रेफर: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
इधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. शशिप्रभा ने बताया कि मामले को लेकर उन्होंने संबंधित चिकित्सक से बात किया था। चिकित्सक ने बताया था कि घायल दीपक शर्मा की स्थिति काफी गंभीर थी, उसकी नब्ज भी नहीं चल रही थी उसके गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे जल्द से जल्द बेहतर इलाज के रिम्स रेफर किया गया था। इस क्रिटिकल स्थिति में जितना जल्दी हो सके व मरीज की जान बचाई जा सके व बेहतर इलाज मिले यही सोचकर रेफर किया गया।
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