श्रद्धांजलि सभा में लोगों ने योगेश्वर महतो के किए कार्यों को याद किया
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पुण्यतिथि पर योगेश्वर महतो को श्रद्धांजलि देते लोग। |
अभियान का ऐसा असर हुआ कि लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया
1990 के दशक में पूरा क्षेत्र नशे की गिरफ्त में था, लोग सूत-उठकर हड़िया-दारू पी लेते थे। इससे मुखिया योगेश्वर महतो काफी दुखी थे, वे लोगों को समझाते कि नशा बहुत गंदी आदत है, यह मनुष्य का जीवन और उसका परिवार खत्म कर देता है। लेकिन, लोगों पर उनकी बातों का कोई असर नहीं हो रहा था। यह देखकर उन्होंने मद्य निषेध अभियान संघर्ष समिति का गठन किया। समिति ने सिल्ली के पश्चिमी क्षैत्र में शराबबंदी का अभियान छेड़ दिया। कुछ दिनों के बाद अभियान का ऐसा असर हुआ कि लोगों ने डर से शराब पीना छोड़ दिया। यदि कोई पी लेता था तो उसे पंचायत की सीमा में घुसने की अनुमति नहीं थी। उसके लिए एक ही सजा थी कि उसे रातभर पंचायत ऑफिस में बंद कर दिया जाता था। इसी तरह अगहन महीने में धनकटनी होती थी तो किसान खेतों में रतजगा करते थे, लेकिन उन्होंने किसानों की एक बैठक कर खेतों में रतजगा को बंद करा दिया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा, उन्होंने प्रस्तावित उच्च विद्यालय लोटा का गठन किया और कृषि विकास केंद्र टाटीसिलवे के सहयोग से स्कूल भवन निर्माण कराया। साथ ही, तत्कालीन एमएलसी स्व. परमेश्वर सिंह के फंड से दो स्कूल भवन का निर्माण कराया। यही नहीं शहीद रघुनाथ महतो शोध समिति में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। श्रद्धांजलि सभा का संचालन समिति के सचिव हरेकृष्ण महतो ने किया। आयोजन को सफल बनाने में कमेटी के अध्यक्ष रामप्रसाद महतो, उपाध्यक्ष सुरेंद्र गोराई, उपसचिव विवेकानंद महतो, संरक्षक श्रीनाथ महतो, सूर्यनारायण महतो, अनिल कुमार महतो, मोहनलाल महतो, सुधीर मोदक, देवनारायण महतो, प्रदीप महतो, सुनील महतो, मनोज, जयंती, आशीष, विकास, सुजीत, सौरभ, विनय आदि का योगदान रहा।
श्रद्धांजलि सभा में इन्होंने की शिरकत
श्रद्धांजलि सभा में जयपाल सिंह, मुखिया प्रतिनिधि रवींद्रनाथ मुंडा, गया राम महतो, रतनलाल महतो, गणेश महतो, नंदलाल महतो, गोडाडीह पंचायत के पूर्व मुखिया डबलू महली, शिवशंकर महतो, मोहनलाल महतो रघुनाथ महतो, मधुसूदन महतो, प्रथमचन्द्र महतो राजकीय मध्य विद्यालय लोटा के प्रधानाध्यापक उपेंद्रलाल महतो के नेतृत्व में शिक्षक-शिक्षिकाओं और बच्चों ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। साथ ही, प्रस्तावित उच्च विद्यालय लोटा के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं समेत गांव एवं आसपास के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
Former chief Yogeshwar Mahato remembered in Lota on his first death anniversary
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