बिहार की राजनीति में उबाल! चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को बताया असफल मुख्यमंत्री, कहा – “बिहारी सुरक्षित नहीं हैं।” NDA में मतभेद बढ़ने की आशंका। जानिए पूरा मामला।
NDA के भीतर उठती बेचैनी
Bihar: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर हमला बोला है। अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि “बिहारी अब खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं”, और उन्हें इस सरकार का समर्थन करने में “शर्मिंदगी” महसूस होती है।
इस तीखे बयान ने न केवल बिहार की राजनीति को गरमा दिया है, बल्कि एनडीए गठबंधन की एकता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुख्य आरोप: 'बिहारी अब सुरक्षित नहीं'
चिराग पासवान ने 25 जुलाई 2025 को पत्रकारों से बातचीत में कहा:
"मैं इस सरकार का समर्थन करता हूं, ये सोचकर ही शर्म आती है। नीतीश कुमार बिहार के लोगों को सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं।"
उनका ये बयान तब आया जब बीते सप्ताह में राज्य में हत्या, अपहरण और बलात्कार की कई घटनाएं सामने आईं। चिराग ने साफ तौर पर कहा कि राज्य सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल रही है।
विश्लेषण: क्या यह नीतीश कुमार के लिए चेतावनी है?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि: चिराग पासवान (Chirag Paswan) का यह रुख सिर्फ राज्य सरकार की आलोचना नहीं है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी भी है।
NDA के भीतर अंदरूनी असहमति और गुटबाजी अब खुलकर सामने आ रही है।
नीतीश कुमार की छवि एक 'सुशासन बाबू' की रही है, लेकिन हाल के घटनाक्रम से उनकी साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
NDA में दरार या रणनीति का हिस्सा?
चिराग पासवान ने इससे पहले भी 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे, बावजूद इसके वो बीजेपी के साथ बने रहे।
इस बार उनका हमला कहीं बड़ा और सार्वजनिक है। इससे संकेत मिलता है कि या तो:
1. एलजेपी अलग होकर अपनी राजनीति साधना चाहती है,
2. या फिर बीजेपी को जदयू से अलग कर ‘NDA v2.0’ बनाने की नींव रखी जा रही है।
जनता का मूड और आगे की राह
बिहार में पहले ही बेरोज़गारी, महंगाई और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जनता में गुस्सा है। ऐसे में अपराध का ग्राफ बढ़ना जनता के धैर्य की परीक्षा है।
चिराग पासवान इसी जन-असंतोष को आवाज दे रहे हैं।
अगर नीतीश कुमार ने स्थिति नहीं संभाली, तो अगला चुनाव उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
विद्रोह की चिंगारी या सत्ता परिवर्तन की आहट?
चिराग पासवान के इस बयान ने ये स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की राजनीति अब एक नए मोड़ पर पहुंच रही है। नीतीश कुमार को जहां प्रशासनिक मोर्चे पर कठोर कदम उठाने होंगे, वहीं NDA को अंदरूनी मतभेद सुलझाने होंगे।
आगामी चुनावों में इस बयान का क्या असर होगा?
क्या चिराग पासवान फिर से NDA के खिलाफ चुनावी रण में उतरेंगे?
यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में सन्नाटा नहीं, बवंडर आने वाला है।
Chirag Paswan's open rebellion: Direct attack on Nitish government, crack in NDA?
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