GA4-314340326 बीएयू ने गार्डों के भुगतान में भारी घोटाला करने वाली सिक्योरिटी एजेंसी समानता को किया डिबार, नहीं ले सकेगा टेंडर में भाग

बीएयू ने गार्डों के भुगतान में भारी घोटाला करने वाली सिक्योरिटी एजेंसी समानता को किया डिबार, नहीं ले सकेगा टेंडर में भाग

(KANKE NEWS, RANCHI) । बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) प्रशासन ने समानता सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एसएसआईएस) पर कारवाई करते हुए उसको अपने यहां भविष्य में होने वाले सभी सेवाओं के टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से डिबार (वंचित) कर दिया है। दरअसल एजेंसी बीएयू एवं इसके अधीन संचालित कॉलेजों आदि में कार्यरत गार्डों, सुपरवाइजरों, गनमैन, भूतपूर्व सैनिक सुरक्षा गार्डों को राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से काफी कम मानदेय राशि का भुगतान कर रही थी। साथ ही उनको दी जाने वाली अन्य सुविधाओं जैसे बोनस, ग्रेच्युटी, पीएफ राशि आदि के भुगतान में भी व्यापक गड़बड़ी कर रही थी। इसको देखते हुए बीएयू वीसी डॉ एससी दुबे के निर्देश पर एक जांच समिति गठित की गई थी। बीएयू के निदेशक प्रशासन सह संयुक्त सचिव कृषि विभाग एजाज अनवर ने एजेंसी को पत्र देकर बैंक भुगतान सहित सबका पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। किंतु एजेंसी द्वारा कोई भी दस्तावेज विश्वविद्यालय को उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके साथ ही बीएयू में सुरक्षा में की गई भारी सुरक्षा चूक में भी सही जवाब दे नहीं पाई। जांच समिति ने व्यापक सुरक्षा चूक एवं वित्तीय अनियमितता को देखते हुए समानता सिक्योरिटी एजेंसी को डिबार करने की अनुशंसा की थी। बताते चले एजेंसी बीएयू से ली जा रही राशि का आधे से भी कम पैसे का भुगतान प्रतिमाह कर लाखों का घोटाला कर रही थी। इस घोटाले का संज्ञान राजभवन ने भी लिया था। राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉक्टर नितिन मदन कुलकर्णी ने मौजूदा वीसी डॉक्टर सुनील चंद्र दुबे को इसपर कारवाई करने का निर्देश दिया था। बताते चलें यह एजेंसी बीएयू में 2022 नवंबर माह से कार्यरत थी। इसने लाखों का गबन किया है। यह एजेंसी रिनपास में भी गड़बड़ी कर रही है। लेकिन गड़बड़ियों की शिकायत पर रिनपास के वर्तमान प्रभारी निदेशक डॉ जयति शिमलाई सहित अन्य वरीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। रिनपास में समानता सिक्योरिटी एजेंसी को एक सिविलियन गार्ड के लिए 17000, एक्स सर्विसमेन गार्ड के लिए 33000, सिविलियन सुपरवाइजर को 22000 तथा एक्स सर्विसमेन सुपरवाइजर के लिए 40 हजार प्रतिमहवका भुगतान होता है। लेकिन एजेंसी सिविलियन गार्ड को 12 हजार, एक्स सर्विसमेन गार्ड को 16 हजार, सिविलियन सुपरवाइजर को 14000 एवं एक्स सर्विसमेन सुपरवाइजर को महज 18000 का ही भुगतान कर रही है। वहीं उनके बोनस का पूरा पैसा डकार गई है। कांके विधायक सुरेश कुमार बैठा ने भी इसको लेकर गार्डों के पक्ष में आवाज उठाई थी, लेकिन एजेंसी कार्य अवधि पार होने के उपरांत भी अधिकारियों की कृपा से पैसे की कमाई कर रही है। गार्डों ने कई बार इसके विरोध में आवाज भी उठाई, लेकिन उनको कार्य से हटाने की धमकी देकर चुप करा दिया गया। मजेदार बात यह है कि हाल ही में रिनपास प्रशासन ने इसी एजेंसी को मैनपावर आपूर्ति जिसमें नर्सेस, वार्ड अटेंडेंट, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि शामिल हैं का कार्य भी दे दिया है। उनको भी समय से मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है।

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