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शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती। |
बैद्यनाथ मंदिर से जुड़े धार्मिक मामले में सरकार को हस्तक्षेप का अधिकारी नहीं
दिसंबर-2024 में बैद्यनाथ मंदिर के अरघा की चुपचाप मरम्मत के मामले में शंकराचार्य ने कहा कि राज्य सरकार को धार्मिक, आध्यात्मिक क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार सेक्यूलर शासनतंत्र को नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शास्त्र सम्मत फल चाहिए तो शास्त्र सम्मत विधि का पालन करना होगा। स्कंद पुराना में लिखा है-अगर देवी-देवता की प्रतिमा विधिवत प्रतिष्ठित नहीं हुई है तो उनका सन्निवेश नहीं होता है। शंकराचार्य ने कहा कि तीन दिवसीय 26 वें साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर में हिंदूओं के अस्तित्व, आदर्श की रक्षा, देश की सुरक्षा और अखंडता पर चर्चा हुई।
राष्ट्र रक्षा शिविर को शंकराचार्य ने किया संबोधित
इससे पूर्व शंकराचार्य ने मैहर गार्डेन में साधना सह राष्ट्र रक्षा शिविर को संबोधित किया, जहां उन्होंने लोगों के धर्म, आध्यात्म से जुड़े सवालों के जवाब शास्त्र सम्मत तरीके से दिए। शिविर दो सत्रों में आयोजित किया गया था। पहले सत्र में साधना हुई, जबकि दूसरे सत्र में राष्ट्र रक्षा के लिए कैसे खुद को तैयार करना है, इसके बारे में शंकराचार्य को संबोधन हुआ। शिविर में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, बिहार-झारखंड एवं बंगाल समेत पूरे देश से पीठ परिषद, धर्म संघ, आदित्य वाहिनी, आनंद वाहिनी समेत शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के देश-विदेश में फैले अनुयायी और शिष्य भाग लिया। मौके पर शंकराचार्य के साथ मंच पर उनके निजी सचिव स्वामी निर्विकल्पानंद, प्रफुल ब्रह्मचारी महाराज, ऋषिकेष महाराज, आनंद वाहिनी की पश्चिम बंगाल एवं बिहार की अध्यक्ष निभा प्रकाश, शंभुनाथ झा, कार्तिकनाथ ठाकुर, सहदेव पोद्दार, शिवाशीष चौहान, सचिन चरण मिश्रा, दुर्गा मिश्रा, रमेश द्वारी, माला द्वारी, संजय भगत समेत कई अनुयायी और भक्त मौजूद थे।
In Modi's rule, even saints got divided, now BJP, SP and BSP people are becoming saints: Shankaracharya
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