GA4-314340326 शुनुवाबेड़ा जलप्रपात में टूरिज्म व ग्रेविटी बेस एग्रीकल्चर की असीम संभावना: सीओ राजू कमल

शुनुवाबेड़ा जलप्रपात में टूरिज्म व ग्रेविटी बेस एग्रीकल्चर की असीम संभावना: सीओ राजू कमल

शुनुवाबेड़ा में सीओ राजू कमल
angara(ranchi) अनगड़ा के अंचल पदाधिकारी राजू कमल व सीआई सुखदेव कच्छप ने बुधवार को शुनुवाबेड़ा जलप्रपात का निरीक्षण किया। साथ में समाजसेवी सह शुनवाबेड़ा टुसू मेला के अध्यक्ष दुर्गा महतो व सुरेश महतो शामिल थे। सीओ ने शुनुवाबेड़ा जनप्रपात की झरना के स्त्रोत, गुरूत्व सिंचाई योजना, व जलप्रपात के किनारे गुरूत्व सिंचाई योजना से की जा रही खेती को देखा। सीओ ने बताया कि शुनुवा बेड़ा को विकसित करने से यहां पर पर्यटन विस्तार की असीम संभावना है। एक साथ टूरिज्म व ग्रेविटी बेस एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने से यह आदर्श क्षेत्र बन जाएगा। इससे यहां के लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही पलायन भी रूकेगा। शुनुवाबेड़ा जलप्रपात में आधारभूत संरचना के विकास के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा जाएगा। 

समाज की नजरों में लाने के लिए तीन दशक से करा रहे टुसू मेला: दुर्गा महतो

दुर्गा महतो ने बताया कि शुनुवाबेड़ा जलप्रपात को समाज की नजरों में लाने के लिए पिछले तीन दशक से जलप्रपात स्थल में टुसू मेला का लगातार आयोजन करते आ रहे है। महेशपुर से शुनुवाबेड़ा तक 6 किमी रोड का चौड़ीकरण करा दिए जाने से यह जलप्रपात खुद विकसित हो जाएगा। ज्ञात हो कि शुनुवाबेड़ा जलप्रपात अनगड़ा-हुंडरू मुख्य मार्ग से महेशपुर स्कूल के पास से मात्र 6 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां के ग्रामीणों ने जलप्रपात के पानी को फाल के उपर में स्टोर कर गुरूत्व सिंचाई विधि से बगैर किसी खर्च के सालोंभर आसपास के गांव में सिंचाई के पानी भेज रहे है। इससे लगातार खेती हो रही है। किसान आत्मनिर्भर हो रहे है। सीओ राजू कमल ने बताया कि गुरूत्व सिंचाई योजना यहां के लिए वरदान है। वर्तमान में गुरूत्व विधि से सिंचाई के लिए पानी को डेढ़ किमी की दूरी तक ले जाया जा रहा है। 

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