angara(ranchi) गेतलसूद डैम जलकुंभी से भर गया। पिछले एक पखवाड़ा से स्वर्णरेखा नदी के बहाव के साथ लगातार जलकुंभी आ रही है। गेतलसूद डैम चारों तरफ से जलकुंभी से ढंक गया। इससे मछुआरों को मछली मारने में काफी परेशानी हो रही है। एक पखवाड़ा से मछुआरों ने डैम में जाल नही लगाया है। इससे मछुआरों के समक्ष आर्थिक व रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न् हो गई है। डैम के आसपास रहनेवाले लोगों को नित्यक्रिया करने में भी परेशानी हो रही है। आमतौर पर बारिश के समय में जलकुंभी डैम में पहुंचती रही है। लेकिन इस वर्ष बारिश से दो माह पहले ही जलकुंभी से डैम भर गया। पिछले साल भी डैम में जलकुंभी की यही स्थिति थी। गेतलसूद मत्स्यजीवी समिति के संजय नायक बताते है डैम का पानी पूरी तरह से जलकुंभी से भरा हुआ है। मछुआरे जाल नही लगा पा रहे है। इससे रोज-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। गेतलसूद के उपमुखिया शंकर बैठा बताते है, दो माह पहले ही इस वर्ष जलकुंभी गेतलसूद डैम में भर गया। जलकुंभी के सूखने की रफतार भी काफी धीमी है। जिस कारण जल्द ही इस समस्या से समाधान नही मिलने जा रहा है। जिला परिषद सदस्य अनुराधा मुण्डा ने सरकार से गेतलसूद डैम में जमा जलकुंभी को हटाने की मांग की है।
जलकुंभी से भरा गेतलसूद डैम, मछुआरों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या
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