GA4-314340326 अवैध माइनिंग को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ प्राथमिकी, अवैध माइनिंग से पीपराटोली पहाड़ एक दशक में हो गया गायब

अवैध माइनिंग को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ प्राथमिकी, अवैध माइनिंग से पीपराटोली पहाड़ एक दशक में हो गया गायब

पहाड़ हो गया गायब
अनिल कुमार चौधरी/angara(ranchi) अवैध माइनिंग व क्रशर के खिलाफ गुरूवार को सिकिदिरी के मेलघौंसा के पीपराटोली में विशेष टास्क फोर्स ने छापामारी अभियान चलाया। छापामारी अभियान में जिला खनन पदाधिकारी अब्बू हुसैन, अनगड़ा अंचल पदाधिकारी राजू कमल, सिल्ली डीएसपी रनवीर सिंह, अंचल निरीक्षक अनगड़ा रमेश रविदास सहित सिकिदिरी थाना पुलिस व जिला पुलिस बल के जवान शामिल थे। अवैध माइनिंग को लेकर कांग्रेस नेता सह पूर्व पंचायत समिति सदस्य महेश गंझू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। अवैध माइनिंग के बाद टीम ने पीपराटोली में चलाये जा रहे चार अवैध क्रशर के खिलाफ छापामारी अभियान चलाया। लक्ष्मण सैनी, सौम्या स्टोन, सिकंदर आलम व उपेन्द्र कुमार के क्रशर में छापामारी किया गया। मौके पर टीम ने एक हाइवा चिप्स, बोल्डर सहित अन्य खनन से संबंधित अन्य सामग्री जब्त की। माइनिंग टीम को देखकर काम कर रहे मजदूर व संचालक मौके से फरार हो गया। सिल्ली डीएसपी रनवीर सिंह ने बताया कि क्रशर में हुई छापामारी में एक संचालक ने कागजात दिखाया है अन्य के कागजातों की जांच की जा रही है। गलत पाये जाने पर कारवाई की जाएगी। अनगड़ा के अंचल पदाधिकारी राजू कमल ने बताया कि मौके से चिप्स बरामद किया गया, लेकिन मौके से मजदूर व संचालक फरार होने में सफल रहा। विभिन्न खनन व आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

महेश गंझू व लक्ष्मण सैनी है माइनिंग माफिया

अवैध माइनिंग की जांच करते अधिकारी
महेश गंझू व लक्ष्मण सैनी माइनिंग माफिया है। पिछले एक दशक से भी अधिक समय से वनविभाग के पीपराटोली पहाड़ से अवैध उत्खनन कर रहे है। महेश गंझू अवैध माइनिंग करके उसे लक्ष्मण सैनी सहित अन्य अवैध क्रशर में सप्लाई करता है। प्रतिदिन दो लाख रूपये से अधिक की राशि की बोल्डर का माइनिंग करके उसे क्रशरों में पहुंचाया जाता है। दोनों को कई सफेदपोश नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है। इसलिए अभी तक कोई कारवाई नही हुई थी। पहाड़ के बगल में ही लक्ष्मण सैनी का मेगा क्रशर प्लांट स्थित है। लगातार हो रहा अवैध माइनिंग से पिछले एक दशक के दौरान पीपराटोली पहाड़ गायब हो गया। पहाड़ अब एक गहरे गडढे में तब्दील हो गया है। 
बड़ा सवाल: मेलघोंसा के पीपराटोली सहित हेसातू व हरातू में कोई माइनिंग लीज नही है। तो फिर अवैध क्रशरों में बोल्डर कहां से आ रहा है। इसके बावजूद क्रशरों पर कोई कारवाई नही होना संदेश के घेरे में है। सच्चाई है कि दशकों से अवैध माइनिंग उत्खनन कर उसका अवैध क्रशर प्लांट में प्रोसेसिंग किया जा रहा है। पूरा सिस्टम माइनिंग माफियाओं से मिलकर काम कर रहा है। यही सिस्टम क्रशर संचालकों को बचाने में लगा है। 

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