GA4-314340326 रांची में जोंटी रोड्स बोले-"भारत मेरा दूसरा घर है"

रांची में जोंटी रोड्स बोले-"भारत मेरा दूसरा घर है"

 

मीडिया से बात करते जोंटी रोड्स।
रांची: दुनिया के सबसे बेहतरीन फील्डरों में शुमार और पूर्व दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर जोंटी रोड्स पहली बार रांची पहुंचे। रांची एयरपोर्ट पर अपने प्रशंसकों की जबरदस्त भीड़ और उनके उत्साह को देखकर 56 वर्षीय रोड्स अभिभूत हो गए। उन्होंने यहां की जनता के जोश और प्यार को अपनी उम्मीदों से कहीं अधिक बताया।

 धोनी के संयम और नेतृत्व के कायल

भारत में हर साल करीब पांच महीने बिताने वाले जोंटी रोड्स के लिए यह पहला रांची दौरा था। इस दौरान उन्होंने भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक, महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की जमकर तारीफ की।

रोड्स ने धोनी की सराहना करते हुए कहा: "मैं हमेशा धोनी की फिटनेस और उनके शांत स्वभाव से प्रभावित रहा हूं। टी-20 जैसे तेज फॉर्मेट में जब अन्य कप्तान घबरा जाते हैं, तब धोनी संयम और आत्मविश्वास का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करते हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि भले ही मैंने उनके साथ कभी काम नहीं किया, लेकिन एक कोच के तौर पर उनके खिलाफ कई बार मुकाबला किया है- धोनी हमेशा मैदान पर संतुलन और नेतृत्व के प्रतीक रहे हैं।

 'उम्र बढ़ेगी, पर जुनून नहीं!'  रोड्स का फील्डिंग मंत्र

अपनी जबरदस्त फील्डिंग के लिए पहचाने जाने वाले रोड्स ने मुस्कुराते हुए कहा कि उम्र बढ़ने के बावजूद उनका खेल के प्रति जुनून आज भी बरकरार है। उन्होंने अपनी फील्डिंग डाइव के बारे में कहा:

 * "मेरी पत्नी अब मेरे ड्राइव करने पर थोड़ा डरती है, लेकिन मैं रुक नहीं सकता।"

 * "मैं कैमरे के लिए नहीं, बल्कि अपने जुनून के लिए ऐसा करता हूं।"

 * "अगर मैं 60 साल का भी हो जाऊं, तो गेंद मेरे पास आएगी तो छलांग जरूर लगाऊंगा।"

युवा बच्चों के उत्साह को देखकर रोड्स ने खुशी जताई और कहा कि यह देखकर अच्छा लगता है कि इंटरनेट की बदौलत आज की पीढ़ी भी उनके खेल को जानती है, जबकि उन्होंने दो दशक पहले क्रिकेट छोड़ दिया था।

 युवाओं के लिए परफेक्ट प्रैक्टिस का संदेश

जोंटी रोड्स ने युवा क्रिकेटरों को फिटनेस और ट्रेनिंग के संबंध में महत्वपूर्ण संदेश दिए। उनके अनुसार, आज क्रिकेट पूरी तरह से शारीरिक खेल बन चुका है।

 * सिर्फ मेहनत नहीं: रोड्स ने जोर देकर कहा कि "सिर्फ मेहनत नहीं, परफेक्ट प्रैक्टिस जरूरी है।"

 * रिकवरी है जरूरी: खिलाड़ी को ट्रेनिंग जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी है रिकवरी।

 * फिटनेस ही प्रोफेशनलिज्म: उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि खुद को बुलेटप्रूफ न मानें। शरीर को आराम देना और फिट रखना ही असली प्रोफेशनलिज्म है।

 "भारत मेरे लिए दूसरा घर"

भारत के साथ अपने गहरे जुड़ाव को साझा करते हुए रोड्स ने कहा, "भारत मेरे लिए दूसरा घर है।" इस दौरे पर वह मंगलुरु से रांची आए हैं और यहां से चंडीगढ़ के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि गोवा में उनके पास मोटरबाइक है और उन्हें लोगों से मिलना और उनके बीच रहना बहुत पसंद है।

रोड्स ने इस बात पर जोर दिया कि क्रिकेट सिर्फ मैदान पर खेला जाने वाला खेल नहीं है, बल्कि टीमवर्क और अनुशासन का संगम है। उन्होंने कहा कि स्पॉन्सर से लेकर लॉजिस्टिक्स टीम तक, हर व्यक्ति इस खेल का अहम हिस्सा होता है।


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