GA4-314340326 गिरिडीह : CSR फंड के सदुपयोग पर DC सख्त, गुणवत्ता और समय पर काम पूरा करने का निर्देश

गिरिडीह : CSR फंड के सदुपयोग पर DC सख्त, गुणवत्ता और समय पर काम पूरा करने का निर्देश

  

उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते उपयुक्त।
अमित सहाय / गिरिडीह: गिरिडीह जिले में कार्यरत विभिन्न कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों द्वारा कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) मद से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के लिए गुरुवार को उपायुक्त (DC) की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त ने CSR फंड के प्रभावी और पारदर्शी उपयोग पर जोर दिया, साथ ही आगामी योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की।

 वंचितों को मुख्यधारा से जोड़ना मुख्य उद्देश्य

उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि सीएसआर फंड का मूल उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों को निर्देश दिया कि वे अपनी CSR गतिविधियों का अधिकतम लाभ निम्नलिखित जनहितकारी क्षेत्रों में सुनिश्चित करें : * शिक्षा (विद्यालयों के आधारभूत ढांचे को मजबूत करना) * स्वास्थ्य (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करना और पोषण संबंधी योजनाएं) * स्वच्छता एवं पेयजल * पर्यावरण संरक्षण * महिला सशक्तिकरण * कौशल विकास।

 गुणवत्ता और समय सीमा पर विशेष जोर

बैठक के दौरान, उपायुक्त ने CSR के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों और कंपनी प्रतिनिधियों को कड़े शब्दों में निर्देश दिया कि:

 * सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए।

 * कार्यों में पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता बरती जाए।

 * लापरवाही या कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 स्थानीय जरूरतों के अनुसार योजनाओं का चयन

उपायुक्त ने कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का चयन करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका सीधा लाभ मिल सके।

मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग

 * निर्माणाधीन कार्यों को अविलंब पूर्ण कराया जाए ताकि जिला स्तर से उनका निरीक्षण हो सके।

 * जिले में CSR फंड से चल रहे प्रोजेक्ट्स की नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

 * प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर उपलब्ध कराई जाए।

बैठक में लिए गए निर्णय

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शिक्षा क्षेत्र में विद्यालयों के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने, स्वास्थ्य क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने और पोषण संबंधी योजनाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बैठक में डीडीसी, उद्योग विभाग के जीएम और विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।


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