GA4-314340326 BAU में छात्राओं का परचम, राज्यपाल बोले- दीक्षांत समारोह छात्रों के लिए उपाधि पाने के साथ नई यात्रा की शुरुआत

BAU में छात्राओं का परचम, राज्यपाल बोले- दीक्षांत समारोह छात्रों के लिए उपाधि पाने के साथ नई यात्रा की शुरुआत

उपाधि प्रदान करते राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार।
Kanke, (Ranchi): बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU), कांके में बुधवार को आठवां दीक्षांत समारोह बड़े उत्साह के साथ संपन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार थे, जबकि विशिष्ट अतिथि रक्षा राज्यमंत्री सह रांची सांसद संजय सेठ और राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की थीं।  समारोह में कुल 1021 छात्र-छात्राओं को स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं, इनमें सत्र 2018-19 से 2021-22 के विद्यार्थी शामिल हैं।

छात्राओं ने लहराया परचम

​दीक्षांत समारोह की सबसे खास बात छात्राओं की शानदार उपलब्धि रही।
* ​16 गोल्ड मेडल्स (2 चांसलर और 14 यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल) में से 15 मेडल लड़कियों ने अपने नाम किए।

 चांसलर गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली छात्राएं...

* विशालाक्षी चौबे: बीएससी (बागवानी), सत्र 2019-20 (सभी संकायों में सर्वाधिक अंक)।
* इशिता: बीएससी (कृषि), सत्र 2020-21 (अपने सत्र में सभी पाठ्यक्रमों में सर्वाधिक अंक)।
* ​विशालाक्षी वर्तमान में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में पीएचडी कर रही हैं, जबकि इशिता रांची के XISS से ग्रामीण प्रबंधन में एमबीए कर रही हैं। बताते चलें कि वर्ष 2023 में बागवानी महाविद्यालय, खूंटपानी, चाईबासा से बागवानी में स्नातक उत्तीर्ण करनेवाली विशालाक्षी चौबे ने धनबाद के डीनोबिली विद्यालय से बारहवीं की पढ़ाई की है।इनकी माता संगीता चौबे तथा पिता जीतेंद्र चौबे धनबाद में ही निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं। विशालाक्षी कृषि शिक्षा और अनुसंधान में अपना करियर बनाना चाहती हैं। जबकि, इशिता ने वर्ष 2025 में कृषि महाविद्यालय, गढ़वा से कृषि में स्नातक की और उस सत्र के सभी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए। जमशेदपुर से बारहवीं पास करनेवाली इशिता ग्रामीण विकास प्रोफेशनल बनना चाहती हैं। इनकी माता सुजाता सरकार टाटा स्टील, जमशेदपुर में कार्यरत हैं। 

कार्यक्रम में किसने क्या कहा...

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा- दीक्षांत समारोह नई यात्रा की शुरुआत का पर्व है, जो छात्रों की मेहनत और आत्मविश्वास का प्रतिफल है। उन्होंने कहा- किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का आधार हैं। देश की 65% युवा आबादी विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने छात्रों से अपनी मातृभूमि और जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया। कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा था।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ बोले- छात्र देश का भविष्य और ब्रांड एम्बेसडर हैं। उन्होंने छात्रों से आधुनिक खेती के लिए प्रेरणास्रोत बनने का आग्रह किया। मिलेट वर्ष का उल्लेख करते हुए मोटे अनाज के सेवन पर जोर दिया।
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा- प्रोफेशनल जीवन की शुरुआत कर रहे विद्यार्थी पहले समाज, राज्य और देश के बारे में सोचें। कृषि क्षेत्र पर देश की 70% आबादी निर्भर है, लेकिन जीडीपी में योगदान सिर्फ 18% है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने छात्रों से किसानों के प्रति संवेदनशील बनने और उनकी आय बढ़ाने के लिए काम करने की अपील की।

 कुलपति ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

​बीएयू के वीसी डॉ. सुनीलचंद्र दुबे ने बताया कि ​वर्तमान में 1021 छात्रों को उपाधि दी जा रही है। उन्होंने कहा...

* ​सीटें 2016-17 में 126 से बढ़कर 2018-19 में सात नए कॉलेजों के खुलने के बाद 505 हो गई हैं। 

* विश्वविद्यालय में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 वर्ष 2025 से लागू कर दी गई है।

* ​स्वीकृत शिक्षकों/वैज्ञानिकों के पदों के विरुद्ध केवल 15% ही कार्यरत हैं।

* ​सात नए कॉलेजों में स्वीकृत 257 पदों पर एक भी स्थाई शिक्षक/वैज्ञानिक नहीं है।

​ यूनिवर्सिटी के गोल्ड मेडलिस्ट 

  • सुरभि सिन्हा (पीएचडी - आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन)
  • सत्य प्रज्ञा कर (एमएससी - कृषि-मौसम विज्ञान)
  • शाल्वी ऐश्वर्या वर्मा (एमएससी - आनुवंशिकी एवं पौधा प्रजनन)
  • अम्बर अफसाना शिकोह (एमएससी - वानिकी)
  • कोमल सिन्हा (बीटेक - कृषि अभियंत्रण)
  • ऐश्वर्या राय (बीवीएससी एण्ड एएच)
  • श्रेया आनंद (बीएफएससी)
  • चिया रानी एमबीए (कृषि व्यवसाय प्रबंधन)
  • समीक्षा कुमारी बीएससी (कृषि)
  •  इशिता बीएससी (कृषि)
  • विशालाक्षी चौबे बीएससी (बागवानी)
  • अम्बिका राज बीवीएससी 
  • श्रेया आनंद बीएफएससी 
  • पलक कुमारी बीएफएससी 
  • साक्षी आनंद बीएससी (वानिकी)






 

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