सूखे कद्दू की मूर्तिकला ने जीता दिल
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सूखे हुए कद्दू से बनाई गई इसी मूर्ति के मार्कण्डेय को मिला अवार्ड। |
मणिकर्णिका आर्ट गैलरी, दिल्ली द्वारा 10 से 20 अक्टूबर तक आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश-विदेश के 46 दिग्गज कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया था। पुटरूजी ने इस एग्जीबिशन में अपनी एक बेहद अनूठी और उत्कृष्ट सूखे कद्दू से निर्मित मूर्तिकला को प्रदर्शित किया था।
अद्भुत मूर्तिकला ने मोहा मन
पुटरूजी की कलाकृति की खासियत यह थी कि उन्होंने सूखे कद्दू (Dried Gourd) का इस्तेमाल कर माता-पिता और उनके बच्चों की एक मनमोहक और सजीव कलाकृति बनाई। उनकी कारीगरी इतनी बारीकी और कुशलता से की गई थी कि पहली नजर में कोई भी यह अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह अद्भुत कलाकृति सूखे कद्दू से तैयार की गई है।
प्रतियोगिता में शामिल 46 कलाकारों में से केवल 15 कलाकारों को उनकी उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए गोल्ड अवार्ड से नवाजा गया, जिसमें मार्कण्डेय जेजवाड़े 'पुटरूजी' की कलाकृति भी शामिल रही।
देवघर के कलाकारों में हर्ष
मार्कण्डेय जेजवाड़े 'पुटरूजी' को इंटरनेशनल मंच पर यह महत्वपूर्ण सम्मान मिलने पर देवघर के स्थानीय कलाकारों और कला प्रेमियों में खुशी की लहर है। कई कलाकारों और कला संगठनों ने उन्हें इस बड़ी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी है और इसे देवघर के कला जगत के लिए एक प्रेरणा बताया है।
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