बिहार में भाजपा के टिकट बंटवारे से वैश्य समाज नाराज
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पत्रकारों से बातचीत करते डॉ. सूरज मुंडा। |
बिहार में चोर मचाए शोर वाली स्थिति
उन्होंने कहा कि आज बिहार में चोर मचाए शोर वाली स्थिति है। लालू यादव 15 साल मुख्यमंत्री थे। उस समय 25 से 30 विधानसभा सीट की मतगणना के दौरान गड़बड़ी होती थी। बंगाल से छपवा कर लाए गए डुप्लीकेट मतपत्र को मतगणना के दौरान मिला दिया जाता था, जिससे लालू के विरोधी प्रत्याशी 1000-500 वोट से चुनाव हार जाते थे। लेकिन वर्तमान में लालू यादव के बेटा तेजस्वी कहता है कि बिहार में वोटर काट कर डुप्लीकेट मतदाता बनाए जा रहे हैं। तेजस्वी को इसलिए डुप्लीकेट का शक इसलिए होता है क्योंकि कभी उनके पिता लालू यादव ऐसा करते थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग तेजस्वी की दलील को मनाने को तैयार नहीं है। लालू परिवार ने पिछ़ड़े, दलितों के नाम पर वोट लिया, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया। लालू ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया। मुख्यमंत्री बनने के दौरान लालू यादव को इसलिए हमलोगों ने समर्थन दिया था कि क्योंकि वे जेपी के साथ काम किए थे। लेकिन मुख्यमंत्री बनकर लालू ने जेपी के नीति-सिद्धांतों का पालन नहीं किया। इसलिए हमलोग बिहार में काम करेंगे। क्योंकि फिर से दोबारा एक परिवार का राज सत्ता में न हो।
धरातल पर काम करने वालों के टिकट दें भाजपा
भाजपा को भी चाहिए कि धरातल पर काम करने वाले लोगों को बिहार में विधानसभा का टिकट दें। रमा देवी और सुनील कुमार पिंटू का टिकट काट कर भाजपा ने ऐसे लोगों को टिकट दिया, जिसका कोई वोट बैंक नहीं है। इससे बिहार के वैश्य समाज के लोग भाजपा और जदयू से नाराज हैं। लेकिन वैश्य समाज के लोगों को हमलोग मनाने का काम करेंगे।
जेपी आंदोलनकारियों की सम्मान राशि में हो बढ़ोत्तरी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी आंदोलनकारियों के पेंशन को 15 से 30 हजार करने की घोषणा कर दी है। लेकिन झारखंड में मात्र पांच हजार है। नीतीश संपूर्ण क्रांति की उपज हैं, इसलिए जेपी आंदोलनकारियों के प्रति उनकी सोच अच्छी है, लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री गैर आंदोलनकारी हैं, इसलिए जेपी आंदोलनकारियों को मात्र पांच हजार रुपए दिया जा रहा है। वहीं झारखंड आंदोलनकारियों की बात करे तो तीन हजार से 3500 रुपए किया गया है। जेपी और झारखंड आंदोलनकारियों के लिए उक्त सम्मान राशि एक दिन की मजदूरी भी नहीं है। हमलोगों की मांग है कि मध्य प्रदेश के तर्ज पर झारखंड के जेपी आंदोलनकारियों को 35 हजार पेंशन और मेडिकल सुविधाएं मिले। जहां कांग्रेस, टीएमसी, कम्युनिस्ट की सरकार है, वहां किसी जेपी सेनानी को पेंशन, सम्मान या सुविधा नहीं दी जा रही है। इसलिए केंद्र सरकार से मांग है कि उक्त राज्यों में जेपी आंदोलनकारियों को पेंशन और उचित सम्मान मिले।
Will give direction to Bihar's politicians through Gandhi's ideas: Dr. Suraj Mandal
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