GA4-314340326 पुत्र धर्म के साथ राजधर्म निभा रहे हेमंत सोरेन

पुत्र धर्म के साथ राजधर्म निभा रहे हेमंत सोरेन

* मुख्यमंत्री रामगढ़ के नेमरा स्थित पैतृक आवास से सरकारी कामकाज निपटा  रहे
 * बाबा के निधन से अपने जीवन के कठिनतम समय से गुजर रहे सीएम, पर राज्य के प्रति निभा रहे हैं अपना फर्ज
 * बाबा का साया उठने से दुःख- दर्द और पीड़ा में हैं मुख्यमंत्री, लेकिन शासन-प्रशासन सुचारू रूप से चलता रहे, अधिकारियों को दे रहे हैं जरूरी निर्देश

पैतृक आवास में फाइलों पर हस्ताक्षर करते सीएम,‌ साथ में हैं प्रधान सचिव अविनाश कुमार व अन्य।
Ranchi : एक तरफ "बाबा" के परलोक गमन की असहनीय पीड़ा, तो दूसरी तरफ राज्य के प्रति जिम्मेदारियों को निभाने की चिंता। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपनी जिन्दगी के सबसे कठिन समय से गुजर रहे हैं। " बाबा " के निधन का आज पांचवां दिन है। पर, दुःख - दर्द और आंसू थम नहीं रहा है। दिल- दिमाग बेचैन, विचलित और व्यथित है। लेकिन, ऐसे विषम हालात में भी वे पुत्र धर्म के साथ राजधर्म निभा रहे हैं। वे रामगढ़ जिला के नेमरा स्थित पैतृक आवास में एक ओर स्मृति शेष पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद  दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद के रस्म-रिवाज को पारंपरिक विधि-विधान से निभा रहे हैं, तो दूसरी तरफ शासन-प्रशासन चलाने का भी फर्ज बखूबी निभा रहे हैं, ताकि  राज्य के विकास  की गति में कोई अवरोध नहीं हो।

 राज्यहित से जुड़े विषयों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील

मुख्यमंत्री शोक की इस घड़ी में भी राज्यहित से जुड़े विषयों को लेकर पूरी तरह  संवेदनशील हैं । व्यक्तिगत भावनाओं और दुःख -दर्द को सीने में दबाकर वे सरकारी कामकाज को बेहतर तरीके से निभाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। जरूरी संचिकाओं का निष्पादन करने के साथ सभी वरीय पदाधिकारियों के साथ नियमित संवाद बनाए हुए हैं। सरकार की  गतिविधियों की निरंतर जानकारी लेने के साथ-साथ उन्हें  निदेशित किया है कि वे अपने कार्यों में तत्परता व निरंतरता बनाए रखें और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आमजनों की समस्याओं का तत्काल निराकरण हो। कहीं भी, किसी भी कार्य में कोताही नहीं होनी चाहिए।उन्होंने वरीय पदाधिकारियों से यह भी कहा कि वे उन्हें हर पल अद्यतन सूचनाओं से अवगत कराते रहें तथा आवश्यकतानुसार  निर्देश प्राप्त करें।

 दायित्व  निभाने की जनता से मिली हिम्मत...

 मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद दुःख और मुसीबत की घड़ी में जिस तरह राज्य की जनता मेरे पूरे परिवार के साथ खड़ी रही, उसी से मुझे यह हिम्मत मिली कि मैं इन कठिन परिस्थितियों में भी इस राज्य के प्रति अपने दायित्वों को निभा सकूं।

बाबा को दिए वचन और वादों को  निभा रहा हूं...

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा हमेशा कहा करते थे- सार्वजनिक जीवन में हमेशा आम जनता के लिए खड़ा रहना। वे संघर्ष की मिसाल थे। उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा। इस राज्य के लिए हमेशा लड़ते रहे । उन्होंने कभी भी अपने व्यक्तिगत हितों को तरजीह नहीं दी। संसद से सड़क तक इस राज्य के लिए संघर्ष करते रहे। आज झारखंड है, तो यह दिशोम गुरु की देन है। लेकिन, अब उनका साया हमारे ऊपर से उठ चुका है । पर, वे हम सभी के लिए पथ प्रदर्शक और मार्गदर्शक रहेंगे। उन्होंने इस राज्य की खातिर मुझसे कई वचन  लिए थे । मैं उनसे किए वादों  को  पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहा हूं।




Hemant Soren is fulfilling his duty as a king along with his duty as a son

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