* मुख्यमंत्री रामगढ़ के नेमरा स्थित पैतृक आवास से सरकारी कामकाज निपटा रहे
* बाबा के निधन से अपने जीवन के कठिनतम समय से गुजर रहे सीएम, पर राज्य के प्रति निभा रहे हैं अपना फर्ज
* बाबा का साया उठने से दुःख- दर्द और पीड़ा में हैं मुख्यमंत्री, लेकिन शासन-प्रशासन सुचारू रूप से चलता रहे, अधिकारियों को दे रहे हैं जरूरी निर्देश
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पैतृक आवास में फाइलों पर हस्ताक्षर करते सीएम, साथ में हैं प्रधान सचिव अविनाश कुमार व अन्य। |
राज्यहित से जुड़े विषयों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील
दायित्व निभाने की जनता से मिली हिम्मत...
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद दुःख और मुसीबत की घड़ी में जिस तरह राज्य की जनता मेरे पूरे परिवार के साथ खड़ी रही, उसी से मुझे यह हिम्मत मिली कि मैं इन कठिन परिस्थितियों में भी इस राज्य के प्रति अपने दायित्वों को निभा सकूं।
बाबा को दिए वचन और वादों को निभा रहा हूं...
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा हमेशा कहा करते थे- सार्वजनिक जीवन में हमेशा आम जनता के लिए खड़ा रहना। वे संघर्ष की मिसाल थे। उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा। इस राज्य के लिए हमेशा लड़ते रहे । उन्होंने कभी भी अपने व्यक्तिगत हितों को तरजीह नहीं दी। संसद से सड़क तक इस राज्य के लिए संघर्ष करते रहे। आज झारखंड है, तो यह दिशोम गुरु की देन है। लेकिन, अब उनका साया हमारे ऊपर से उठ चुका है । पर, वे हम सभी के लिए पथ प्रदर्शक और मार्गदर्शक रहेंगे। उन्होंने इस राज्य की खातिर मुझसे कई वचन लिए थे । मैं उनसे किए वादों को पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहा हूं।
Hemant Soren is fulfilling his duty as a king along with his duty as a son
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