GA4-314340326 रिनपास में संविदा पर होने वाली नियुक्ति परीक्षा को किया गया स्थगित, विधायक व प्रखंड अध्यक्ष ने की थी मांग

रिनपास में संविदा पर होने वाली नियुक्ति परीक्षा को किया गया स्थगित, विधायक व प्रखंड अध्यक्ष ने की थी मांग

KANKE NEWS, (RANCHI)। रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (रिनपास) कांके में 24 अगस्त को संविदा पर होने वाली नियुक्ति परीक्षा को शुक्रवार को अपरिहार्य कारणों से अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। संस्थान द्वारा स्थगित करने संबंधी आदेश शुक्रवार को निकाल दिया गया है। बताते चलें रिनपास में साइ‌कियाट्रिक नर्स, मेल और फीमेल वार्डर, ईसीजी टेक्नीशियन, लाइ‌ब्रेरियन, रिकार्ड कीपर, साइ‌कोलॉजी प्रयोगशाला सहायक, अकाउंट क्लर्क आदि के पदों पर संविदा पर नियुक्ति के लिए 24 अगस्त को परीक्षा होनी थी। जबकि वर्ष 2023 में ही इनका विज्ञापन निकाला गया था, जिसको लगभग दो साल से लटकाया गया था। संस्थान के द्वारा विज्ञापन कराने के बाद जो आवेदन आमंत्रित किए गए थे उनको अपने स्तर पर छंटाई करने के उपरांत केवल परीक्षा कराने के लिए एजेंसी को जिम्मेवारी दे दी गई थी। बताते चलें गुरुवार को ही कांके विधायक सुरेश कुमार बैठा और प्रखंड अध्यक्ष संजर खान ने रिनपास में संविदा पर होने वाली परीक्षा को रद करने की मांग की थी। संजर खान ने विभागीय मंत्री डॉ इरफान अंसारी और स्वास्थ्य सचिव अजय कुमार सिंह को पत्र देकर इसकी मांग की थी। वहीं विधायक सुरेश कुमार बैठा संस्थान में निदेशक सहित सभी पदों पर स्थाई बहाली की मांग की है। उन्होंने कहा था कि रिनपास में 19 साल से स्थाई निदेशक तक नहीं है। वहीं स्वीकृत पदों के विरुद्ध भी महज 20 से 30 फीसदी स्थाई कर्मी और अधिकारी ही बचे हैं। ऐसी स्थिति में संस्थान की प्रगति के लिए इन पर स्थाई बहाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रिनपास इस वर्ष अपनी स्थापना का शताब्दी समारोह मनाएगा। सीएम हेमंत सोरेन और विभागीय मंत्री इसके भव्य आयोजन के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे में इस आयोजन को सफल करने पर स्वास्थ्य विभाग और रिनपास के अधिकारियों का ध्यान होना चाहिए। वहीं संजर खान ने आरोप लगाया था कि लिखित परीक्षा में चयन किए जाने वाले अभ्यर्थियों की सूची पहले से ही तय है। निर्वतमान प्रभारी निदेशक के कार्यकाल में परीक्षा कराने वाली एजेंसी को पहले से ही नाम भेज दिया गया है। उन्होंने परीक्षा को सिर्फ दिखावा बताया था। कहा था कि विज्ञापन का व्यापक प्रकाशन नहीं होने से स्थानीय, आदिवासी, अनुसूचित जाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के सुयोग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से भी वंचित रह गए थे। उन्होंने स्थाई नियुक्ति रिनपास प्रबंधकारिणी समिति और स्थाई निदेशक के देखरेख में पारदर्शिता से कराने की मांग की थी। साथ ही संस्थान में वर्षों से कार्यरत निजी सुरक्षाकर्मियों को पुरुष एवं महिला वार्डर के पद पर समायोजित करने की मांग भी की है। उन्होंने समानता सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा कथित तौर पर बोनस, ईपीएफ राशि में किए गए घोटाले की जांच कर कारवाई की मांग की है। संजर खान ने डॉ जयति सिमलाई के तीन वर्ष के कार्यकाल में मनमाने ढंग से आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से दर्जनों लोगों को पैसे लेकर नर्स, वार्ड अटेंडेंट, गार्ड और सफाईकर्मी सहित अन्य पदों पर गुपचुप ढंग से रखने , गैर जरूरी ढंग से चहेते एजेंसियों को कार्य देकर लाभ पहुंचाने, मरम्मत, फर्नीचर, कंप्यूटर, दवाएं आदि की खरीद किए जाने में की गई गड़बड़ियों की विशेष ऑडिट तथा जांच कराने की मांग की है। उन्होंने निवर्तमान निदेशक की नियुक्ति को अवैध बताते हुए इसकी जांच कराते हुए तत्काल मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष के पद से हटाते हुए सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है।

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