GA4-314340326 तकनीक के जरिए लापता कांवरियों को चुटकियों में खोज रहे एआई कैमरे

तकनीक के जरिए लापता कांवरियों को चुटकियों में खोज रहे एआई कैमरे

 200 कैमरे से मेला क्षेत्र की हो रही निगरानी

कंट्रोल रूम में लगे टीवी स्क्रीन।
Deoghar: श्रावणी मेले में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित कई तकनीकों का इस्तेमाल भीड़ नियंत्रण, कांवरियों की गिनती, लापता और भटके हुए शिव भक्तों को खोजने में किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में 200 से अधिक एआई बेस्ड कैमरे लगाए गए हैं। इसमें फेस रिकॉग्निशन कैमरे भी शामिल हैं, जिसके जरिए लापता और भटके कांवरियों को जिला प्रशासन चुटकियों में खोज कर उनके परिजनों से मिल रहा है। फेस रिकॉग्निशन कैमरा यानी भीड़ में चेहरा पहचानने वाले कैमरा। इस तकनीक के जरिए देवघर के मेला क्षेत्र में लापता या भटके हुए कांवरियों को आसानी से ढूंढ़ा लिया जाता है। अब तक इस तकनीक के जरिए कई भटके, बिछड़े और लापता हुए कांवरियो को उनके परिजनों से मिलाया जा चुका है। इस तकनीक जरिए लापता को खोजने के लिए बस उसकी एक फोटो की जरूरत पड़ती है। उस फोटो को स्कैन कर चेहरा पहचानने वाले कैमरे के फुटेज में कैद हुए लोगों के चेहरे से मिलाया जाता है। तकनीक ऐसी है कि हजारों की भीड़ में यह कैमरा आसान से लापता कांवरिया को उसके चेहरे के आधार पर सर्च कर बता देता है कि अमुख समय में उक्त कांवरिया किस इलाके में था और उसकी क्या गतिविधि थी। जिसके आधार पर उसे आसानी से खोज लिया जाता है।

ऐसे काम करता है एआई कैमरे

डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि मंदिर परिसर में 30 और कतार रूटलाइन पर दुम्मा समेत आसपास के इलाकों 170 एआई तकनीक से लैस हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरे लगाये गए हैं, ये कैमरे हर गुजरने वाले श्रद्धालु की तस्वीर को स्कैन कर सुरक्षित कर रहे है, जब किसी कांवरियों के बिछड़ने की सूचना मिलती है, तो उस स्थान के फुटेज की खंगाला जाता है और संबंधित व्यक्ति की फोटो निकाली जाती है। इसके बाद उस तस्वीर की एआइ स्कैनर में अपलोड किया जाता है, जिससे यह तुरंत पता चल जाता है कि वह व्यक्ति अंतिम समय में कहा दिखाई पड़ा था और उसकी वर्तमान लोकेशन क्या है। एलइडी स्क्रीन से होती है पहचान का ऐलान जब एआय सिस्टम से खोये हुए व्यक्ति की लोकेशन का पता चल जाता है, तो उसकी फोटो की एलइडी स्क्रीन पर फ्लैश किया जाता है, इसके साथ ही उस इलाके के सूचना केंद्र व ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को सतर्क कर दिया जाता है। इसके बाद संबंधित कांवरियों को अधिकारी, पुलिस टीम या कर्मियों की मदद से सुरक्षित परिजनों से मिलाया जाता है। उनके द्वारा स्पेशल टीम द्वारा दिन-रात इस व्यवस्था को संभाल रही टीम में आइटी विशेषज्ञों से लेकर कई प्रशासनिक अधिकारियों तक को शामिल किया गया हैं, जो हर अलर्ट पर तत्परता से कार्रवाई कर रहे हैं। इस तकनीक से मेले में चौकस रूप से निगरानी की जा रही है।

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AI cameras are finding the missing pilgrims in a jiffy through technology


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