GA4-314340326 सीआईपी का 108 वां स्थापना दिवस मनाया गया, किशोरों की समस्याओं को हल करने में मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की भूमिका काफी अहम : डॉक्टर राजकुमार

सीआईपी का 108 वां स्थापना दिवस मनाया गया, किशोरों की समस्याओं को हल करने में मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की भूमिका काफी अहम : डॉक्टर राजकुमार

 स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते डॉ राजकुमार, डॉ अशोक आर पाटिल व डॉ वीके चौधरी।
 
 Kanke (Ranchi) : केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआईपी) का 108 वां स्थापना दिवस शनिवार को मनाया गया। मुख्य अतिथि प्रख्यात न्यूरो सर्जन रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने कहा कि किशोरों की समस्याओं को हल करने में मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स जिनमें मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक आदि शामिल हैं की भूमिका काफी अहम होती है। इस अवस्था में मस्तिष्क में संरचनात्मक बदलाव के साथ विचार की प्रक्रिया में भी परिवर्तन हो रहा होता है। ऐसे में उनको अपनी क्षमता और कमजोरी का पूर्ण ज्ञान भी नहीं होता है। अपनी भावनाओं जैसे गुस्सा, प्यार, भाववेग आदि पर भी नियंत्रण नहीं होता है। संबंधों में सामंजस्य का अभाव रहता है। कहा कि उन पर पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन का दबाव रहता है। लेकिन एकल परिवार और माता- पिता की व्यस्तता के बीच उनकी समस्याएं काफी हद तक उपेक्षित रह जाती हैं। कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों को उनकी पीड़ा, वेदना, प्रसन्नता आदि को सुनना चाहिए तथा परामर्श भी देना चाहिए। कहा कि देश में प्रत्येक चार में से एक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। ऐसे में किशोरों पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रांची के वीसी डॉक्टर अशोक आर पाटिल ने कहा कि देश में सात फीसदी आबादी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझ रही है। कहा कि हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स में भी समस्याएं दिखती हैं। कहा कि अभी भी इससे जुड़ी भ्रांतियों को लेकर महज 10 फीसदी लोग ही मनोचिकित्सकों के पास आते हैं। उन्होंने मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड नहीं गठित होने पर चिंता जताई। साथ ही सीआईपी के साथ मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में विधिक पहलुओं को लेकर एमओयू की इच्छा भी जताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीआईपी डायरेक्टर डॉक्टर विजय कुमार चौधरी ने किया। उन्होंने संस्थान को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सभी कर्मियों का सहयोग मांगा। वहीं इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी झारखंड स्टेट ब्रांच के अध्यक्ष डॉ महेश हेंब्रम ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर संस्थान और इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी झारखंड स्टेट ब्रांच की ओर से किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य:अपूर्ण जरूरत एवं की जाने वाली गतिविधियों विषय पर एक सीएमई का आयोजन भी किया गया। इसमें संस्थान के डॉ उमेश एस, डॉक्टर प्रशांत श्रीवास्तव आदि ने किशोरों से जुड़े अलग-अलग विषय वस्तुओं पर व्याख्यान दिया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील सूर्यवंशी ने दिया। इस अवसर पर डॉक्टर निशांत गोयल, डॉ संजय कुमार मुंडा, डॉ आलोक प्रताप, डॉ सुरेंद्र पालीवाल, डॉ रोशन, डॉ अरविंद कुमार, डॉक्टर जयति शिमलाई, डॉ अमूल रंजन सिंह, डॉक्टर नरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और स्टूडेंट्स मौजूद थे। इनको किया गया सम्मानित : बेस्ट डिपार्टमेंट: व्यावसायिक चिकित्सा विभाग पुरुष शाखा, बेस्ट वार्ड : क्रेपलिन, बेस्ट सीनियर रेजिडेंट: डॉ नताशा पटेल, बेस्ट जूनियर रेजिडेंट: डॉ सृजन दास, बेस्ट पेपर: डॉ आदित्य सुरेश, बेस्ट क्लिनिकल साइकोलॉजी स्टूडेंट: फतिमाथ शमिला, बेस्ट ऑफिस स्टॉफ: नितिन, बेस्ट डीपीएन स्टूडेंट: शबनम परवीन, नर्सिंग पदाधिकारी: सुधा कुमारी रवि, ओटी मेल स्टॉफ: इश्तियाक मोहम्मद खान रौनक, फीमेल ओटी स्टॉफ: सबीहा बानो, शेल्टर्ड वर्कशॉप स्टॉफ : मोफिजूल हक, मजदूर: रब्बानी, वार्ड अटेंडेंट मेल: एफ किस्पोट्टा, फीमेल वार्ड अटेंडेंट : एलिजाबेथ खलखो, सफाईकर्मी अजय मलिक आदि शामिल हैं।

रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार को सुनिए 






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