प्रतिदिन एक सौ से अधिक वाहनों से हो रही बालू की तस्करी
पुलिस के संरक्षण में बालू व कोयला का अवैध कारोबार चल रहा है। दिखावा के लिए कभी कभी छापामारी अभियान चलाकर छोटा मछली को पकड़ा जाता है। प्रतिदिन रांची-मुरी मार्ग व राहे-चतरा मार्ग से छोटा-बड़ा एक सौ से अधिक वाहनों में बालू की तस्करी करके रांची व गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा रहा है। रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक लगातार बालू की तस्करी इन रास्तों से हो रही है। राहे-चतरा मार्ग में नारायण घाटी में कई बालू डंप बना हुआ है। रातभर ट्रेक्टर के माध्यम से राहे के विभिन्न बालू घाट से बालू निकालकर यहां डंप किया जाता है। इसके बाद यहां से हाइवा में लोड करके बालू की तस्करी की जाती है। रांची-मुरी मार्ग से भी बालू तस्करी की यही स्थिति है। प्रतिदिन इस मार्ग से एक सौ से अधिक छोटे-बड़े वाहनों से बालू की तस्करी हो रही है। जरवाडीह मार्ग से बालू तस्करी हो रही है। बालू तस्करी के दौरान कई थाना की पुलिस चेकनाका भी गुजरता है, लेकिन पुलिस को इसकी भनक नही रहती है। सेटिेंग से बालू की तस्करी की जा रही है। यही स्थिति कोयला तस्करी की है। गेतलसूद डैम रोड से प्रतिदिन पचास से अधिक बाइक में अवैध कोयला लोड कर अनगड़ा के विभिन्न चिमनी भटटों में आपूर्ति की जाती है। लेकिन कोयला तस्करी की भी जानकारी पुलिस को नही मिलती है।
कंपनी की तर्ज पर हो रहा बालू तस्करी
कंपनी की तर्ज पर बालू तस्करी का खेल चल रहा है। मासिक वेतनमान पर चालक को रखा गया है। पुलिस के द्वारा पकड़े जाने पर जेल से बाहर निकालने की जवाबदेही बालू माफिया की होती है। इस दौरान परिवार को जीवनयापन का खर्च भी मुहैया कराया जाता है। हालांकि अधिकांश मामलों में चालक पुलिस की पहुंच से दूर ही रहता है। पुलिस को देखते ही चालक वाहन छोड़कर फरार हो जाते है। पहले से ही पुलिस द्वारा छापामारी करने की सूचना चालकों को मिल जाती है। इसके लिए कई मुखबीर को मासिक वेतनमान पर रखा गया है। ये मुखबीर बोंगईबेड़ा, राजाडेरा, चतरा व जोन्हा के पास रहते है। जो पुलिस के हर पल की गतिविधि की जानकारी अवैध बालू लदी वाहन चालक को उपलब्ध कराते है। पुलिस गश्ती की सूचना मिलते ही बालू को अनलोड कर दिया जाता है। बालू अनलोड नही होने की स्थिति में चालक फरार हो जाता है। वाहन के पकड़े जाने पर बंगाल का फर्जी चालान जमा कर वाहन की जमानत करा ली जाती है। बालू माफिया के अनेक वाहन होते है जिस कारण एक दो वाहन के पकड़े जाने की स्थिति में अन्य वाहनों से लगातार बालू तस्करी जारी रहती है। एक लीगल सेल टीम लगातार जब्त वाहनों का फाइन आदि भरकर जमानत कराने में लगी रहती है। इस तरह से लगातार बालू तस्करी बेखौफ चल रही है। पुलिस से सेटिंग के नाम पर एक दो बालू तस्कर अन्य बालू माफियाओं से वसूली करते है। इसी राशि में उक्त् माफिया अपना भी खर्च निकालता है।
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