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हजारीबाग कोर्ट परिसर में पड़ा सुशील श्रीवास्तव का शव (फाइल फोटो)। |
Atiq-Ashraf Murder: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार की रात को हुए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अरशद हत्याकांड ने झारखंड में हुए भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड की याद ताजा कर दीं है। दोनों झारखंड के बड़े गैंगस्टर और माफिया थे। राज्य के कोयलांचल इलाके में इनकी तूती बोलती थी। क्षेत्र के कोयला कारोबारी, ठेकेदार और सीसीएल के अफसर इनके नाम से थड़थड़ कांपते थे। रंगदारी और हत्या के इन पर अनगिनत मामले दर्ज थे। लेकिन, दोनों माफिया अहमद बंधुओं की तरह ही पुलिस कस्टडी में मारे गए। झारखंड पुलिस भी उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह खाली हाथ ताकती रह गई थी।
दुमका से रांची लाने के दौरान मारा गया भोला पांडेय
1990 के दशक में भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव दोस्त हुआ करते थे। लेकिन, पैसे के बंटवारे को लेकर दोनों के रास्ते अलग हो गए। इसके बाद दोनों गुटों में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई। रामगढ़, रांची, हजारीबाग, खलारी, कुजू, भुरकुंडा व पतरातू सहित अन्य क्षेत्रों में रंगदारी और वर्चस्व को लेकर दोनों गुट के सरगना सहित कई लोगों की हत्या हो गई। वर्ष 2009 में दुमका जेल से रांची लाने के दौरान सुशील श्रीवास्त गुट के शूटर अमरेंद्र तिवारी ने भोला पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या उस वक्त की गई जब रात में दुमका से भोला पांडेय को लेकर पुलिसवाले रांची आ रहे थे। रास्ते में भोला पांडेय ने शौचालय जाने की इच्छा जताई। पुलिसवाले एक लाइन होटल पर रुके। शौच करने के बाद भोला पांडेय वापस गाड़ी में चढ़ने लगा, तभी अमरेंद्र तिवारी ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। हालांकि, बाद में पांडेय गिरोह के शूटरों ने छपरा में गोली मारकर उसकी भी हत्या कर दी।
भरी अदालत में मारा गया सुशील श्रीवास्तव
पांडेय गिरोह के मुखिया विकास तिवारी ने वर्ष 2015 में 2 जून को हजारीबाग कोर्ट परिसर में सुशील श्रीवास्तव को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। विकास ने इसे अपने चाचा और भाई की हत्या का बदला बताया। झारखंड के लिए यह पहली घटना थी, जब किसी कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच एके-47 रायफल का इस्तेमाल किया गया था। घटना में सुशील के दो अन्य सहयोगी मो. कलाम और ग्यास खान की भी मौत हो गई थी। घटना के बाद सुशील श्रीवास्तव की सुरक्षा में लगे 19 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया था। बाद में दिल्ली में गिरफ्तार विकास तिवारी ने यह खुलासा किया था।
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