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| कोचिंग सेंटर का उद्घाटन करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। |
शिक्षा और खेल के समन्वय पर जोर
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एबिलिटी टेस्ट में मामूली अंतर से पीछे रह गए अभ्यर्थियों को पुनः अवसर दिया जाएगा, ताकि किसी भी प्रतिभा को परिस्थितियों के कारण पीछे न रहना पड़े। उन्होंने संस्थान में बेहतर खेल सुविधाओं के निर्देश देते हुए कहा कि शिक्षा के साथ खेल-कूद से ही छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव है।
झारखंड की प्रमुख शिक्षा योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा को आत्मनिर्भरता का आधार मानकर कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है, निम्न हैं:
* गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना: उच्च शिक्षा के लिए ₹15 लाख तक का सुलभ ऋण।
* मरांग गोमके छात्रवृत्ति: विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए पूर्ण सरकारी सहायता।
* सावित्रीबाई फुले योजना: किशोरियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए।
* उत्कृष्ट विद्यालय: 80 विद्यालयों में निजी स्कूलों के समकक्ष गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
* रिम्स पहल: मेडिकल परीक्षाओं के लिए 30 चुनिंदा छात्रों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन।
सामाजिक एकता का प्रतीक
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के बच्चों को कोचिंग के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ाव बनाए रखने की अपील की। बताते चलें कि इस कोचिंग सेंटर में 600 अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी कराई जाएगी। फिलहाल 168 छात्राओं और 132 छात्रों का फर्स्ट बैच में एडमिशन लिया गया है। कार्यक्रम में मंत्री चमरा लिंडा, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, विकास आयुक्त अजय कुमार सिंह सहित वरिष्ठ पदाधिकारी और सैकड़ों छात्र मौजूद थे।

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