![]() |
| निर्वाचन सदन में जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ आनलाइन बैठक करते सीईओ। |
2003 की मतदाता सूची से वर्तमान सूची की मैपिंग पर फोकस
के. रवि कुमार ने निर्वाचन सदन में आयोजित आनलाइन (वीडियो कांफ्रेंसिंग) बैठक में कहा कि वर्तमान वोटर लिस्ट सूची से 2003 की मतदाता सूची के मतदाताओं की मैपिंग प्रक्रिया (मिलान) में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होनी चाहिए। यह मैपिंग भौतिक रूप से और बीएलओ ऐप दोनों तरीकों से सुनिश्चित किया जाए।
यदि आप वोटर हैं तो इसे अच्छी तरह से पढ़ें और समझें
- 2003 मैपिंग अनिवार्य: वर्तमान वोटर लिस्ट में जिन मतदाताओं के नाम हैं, उनका विवरण 2003 की मतदाता सूची से मिलान किया जाएगा।
- पैतृक विवरण का उपयोग: यदि किसी मतदाता का नाम 2003 की सूची में नहीं है, तो उनके माता-पिता के 2003 के वोटर लिस्ट के विवरण का उपयोग करके मैपिंग पूरी की जाएगी।
- अन्य राज्यों के वोटर लिस्ट में नाम है, तो...: जिन मतदाताओं के नाम दूसरे राज्यों की वोटर लिस्ट में है, तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। आयोग की ओर उनको जागरूक किया जाएगा कि वे अपना 2003 के वोटर लिस्ट का विवरण संबंधित राज्य के सीईओ की वेबसाइट से डाउनलोड करके दे सकते हैं।
- दस्तावेजों का संरक्षण: SIR के दौरान प्राप्त सभी डॉक्यूमेंट को स्थायी रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। 2003 के दस्तावेजों को भी डिजिटल और नॉन-डिजिटल रूप में संरक्षित करने का निर्देश दिया गया है।
राजनीतिक दलों से समन्वय व पैतृक मैपिंग हेल्प डेस्क
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि:
- पैतृक मैपिंग हेल्प डेस्क: SIR के दौरान सभी जिलों में 'पैतृक मैपिंग हेल्प डेस्क' स्थापित की जाएगी। यह हेल्प डेस्क मतदाताओं को उनकी मैपिंग प्रक्रिया में सहायता करेगी, ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो। सीईओ ने निर्देश दिए हैं कि इस हेल्प डेस्क के कंप्यूटर ऑपरेटरों, प्रबंधकों और अधिकारियों की पूरी जानकारी वोटरों और राजनीतिक दलों को दी जाए।
- राजनीतिक दलों से समन्वय: गहन पुनरीक्षण की पूरी अवधि के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित अंतराल पर बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि समन्वय स्थापित हो सके। मतदाताओं या राजनीतिक दलों में किसी तरह का कंफ्यूजन न हो।
रिकॉर्ड सुरक्षित रखने पर जोर
के. रवि कुमार ने कहा कि SIR के दौरान सभी दस्तावेजों को स्थायी रिकॉर्ड की तरह सुरक्षित रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त, 2003 के दस्तावेजों को भी डिजिटल और गैर-डिजिटल रूप में संरक्षित करना सुनिश्चित की जाए।
इस ऑनलाइन बैठक में सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, देव दास दत्ता, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज ठाकुर, सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के पदाधिकारी उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.