Silli (Ranchi): झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला अंतर्गत झालदा प्रखंड के डुरगी गांव में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शनिवार को 81 गोष्ठी करम आखड़ा के बैनर तले 81 करम डाली गाड़कर कुरमाली गीतों पर ढोल-नगाड़े की थाप पर झूमर खेला गया। 81 गोष्ठी में आमंत्रित जेएलकेएम के वरिष्ठ नेता सह पश्चिम बंगाल के संगठन प्रभारी राजू महतो ने भव्य आयोजन के लिए आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि कुड़मियों की मूल 81गोष्ठी है। हमारी गोष्ठी की पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मछली आदि प्रतीक चिह्न हैं। प्रकृति के संरक्षण में हमारा योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि झारखंड का छोटानागपुर पश्चिम बंगाल के मिदनापुर, पुरुलिया, बांकुड़ाऔर ओड़िशा के क्योंझर, मयूरगंज व सुंदरगढ़ में बहुतायत में निवास करते हैं। इतना ही नहीं असम की चाय घाटियों में भी बड़ी आबादी कुड़माली बोलती है। इस समुदाय को केवल एक मंच पर आने की जरूरत है। सरकार राज्य की हो या केंद्र की हमारा हक हमें देने के लिए बाध्य हो जाएगी। समाजसेवी परशुराम महतो के अलावा समाज के अन्य बुद्धिजीवी महिला एवं पुरुषों ने कहा कि झारखंड की तरह पश्चिम बंगाल सरकार को भी करम पर्व पर छुट्टी घोषित करनी चाहिए। आयोजन को सफल बनाने में पशुराम महतो, विश्वकर्मा पुनियार, दिनोनाथ बंसियार, हिमांशु हिंदुवार, राजीव टिड़वार, श्यामसुंदर गुलियार, रूपेश कछुवार, बलोराम बंसरीयार, चुनाराम केसरियार, गुरुपदो महतो आदि का योगदान रहा।करम गीत पर झूमती युवाओं की टोली।
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