देवघर एम्स की छठी वर्षगांठ में शामिल हुए झारखंड का राज्यपाल
![]() |
स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते राज्यपाल। |
270 एकड़ में फैला है एम्स का परिसर
यह गौरव केवल विद्यार्थियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे झारखण्ड के लिए भी था। मुझे यह कहते हुए हर्ष है कि 270 एकड़ में फैला यह आधुनिक परिसर 750 बेड वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, अत्याधुनिक डायग्नॉस्टिक सुविधाएं, शोध केंद्र और उत्कृष्ट संकाय के साथ आज स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा का सशक्त आधार है। यहां न केवल झारखण्ड, बल्कि बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे सीमावर्ती राज्यों से भी बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए आते हैं। वास्तव में किसी भी चिकित्सा संस्थान की साख उसके मरीजों को दी जाने वाली सुविधा और उनके विश्वास से ही आंकी जाती है। सबको यह स्मरण रखना चाहिए कि चिकित्सक का दायित्व केवल रोग का उपचार करना ही नहीं है, बल्कि रोगी के मन में स्वस्थ होने की आशा और विश्वास जगाना भी है। एक डॉक्टर की अच्छी वाणी, उसका धैर्य और उसका स्नेह कभी-कभी मरीजों के लिए सबसे बड़ी औषधि सिद्ध हो जाते हैं। यही कारण है कि अस्पताल केवल इलाज का स्थान नहीं होता, बल्कि मानवता और करुणा का मंदिर भी होता है। सभी अस्पताल इस आदर्श को आत्मसात करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह संकल्प है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या भौगोलिक कारणों से उपचार से वंचित न रहे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य रक्षा योजना के अंतर्गत स्थापित यह एम्स, उनके सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को स्वास्थ्य क्षेत्र में साकार कर रहा है। पीएम ने जिस विकसित भारत 2047 का आह्वान किया है, उसे पूरा करने में एम्स देवघर जैसे संस्थान की अग्रणी भूमिका है।
OPD में अबतक 7 लाख से अधिक मरीजों का इलाज
राज्यपाल ने कहा कि देवघर एम्स में ओपीडी सेवाओं की शुरुआत से अब तक सात लाख से अधिक मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि एम्स देवघर की स्वास्थ्य सेवाएं जनसामान्य तक पहुंच रही हैं और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रही हैं। यहां केवल उपचार ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत गांवों को गोद लेना और जन औषधि केंद्रों का संचालन भी किया जा रहा है। इस प्रकार के पुनीत कार्य यह सिद्ध करते हैं कि एम्स देवघर केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि समाज का सच्चा साथी है। पूरी उम्मीद है कि एम्स, देवघर के बेहतर प्रयासों से झारखण्ड के दूरदराज़ अंचलों के लोगों को बड़ी राहत मिल रही है और आने वाले समय में इसका विस्तार और व्यापक स्तर पर दिखाई देगा।
नामचीन चिकित्सा संस्थानों में होगा Deoghar AIIMS
शीघ्र ही इसकी गणना देश के नामचीन चिकित्सा संस्थानों में होगी। राज्य के लोगों को गंभीर मारियों के उपचार के लिए महानगरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। यह केवल स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता ही नहीं होगी बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि सिद्ध होगी। मेडिकल के विद्यार्थियों, जब सफेद कोट (एप्रोन) पहनते हैं, तो वह केवल परिधान नहीं होता, बल्कि यह मानवता की सेवा, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा की शपथ होती है। आने वाले समय में आपके ज्ञान और कौशल से असंख्य जीवन जुड़े होंगे। आपकी संवेदनशीलता और आपकी निष्ठा ही इस संस्थान की वास्तविक पहचान बनेगी। एम्स देवघर शिक्षा, अनुसंधान और सेवा के क्षेत्र में निरंतर नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। यहां से निकलने वाले चिकित्सक और शोधकर्ता न केवल भारत, बल्कि सम्पूर्ण मानवता को स्वस्थ और सुखी बनाने में अहम योगदान देंगे। कार्यक्रम को गोड्डा सांसद ने भी संबोधित किया।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी हुए पुरस्कृत
वार्षिक दिवस के मौके पर एमबीबीएस-2021 बैच के राजा बाबू को सर्वश्रेष्ठ एमबीबीएस छात्र पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं तंद्रा दास को सर्वश्रेष्ठ बीएससी नर्सिंग छात्रा का पुरस्कार दिया गया। इसके अतिरिक्त आएशि मोंडल (बीएससी नर्सिंग, 2021), राजा बाबू (एमबीबीएस, 2021) एवं मानस गोयल (एमबीबीएस, 2022) को अंबुज सोनू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह वार्षिक दिवस समारोह प्रति वर्ष मनाया जाता है, जिसके पूर्व एम्स देवघर के छात्र-छात्राओं द्वारा एक सप्ताह तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसे हीलिक्स के नाम से जाना जाता है। यह आयोजन एम्स देवघर की शैक्षणिक, चिकित्सीय एवं सांस्कृतिक उत्कृष्टता को दर्शाता है और संस्थान के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
एक टिप्पणी भेजें
please do not enter any spam link in the comment box.