झारखंड के 24 में से मात्र छह जिलों में ही अभी तक हुई है BLA की नियुक्ति, वह भी पर्याप्त नहीं
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| चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक करते के. रवि कुमार। | 
क्यों जरूरी है बीएलए की नियुक्ति
CEO के. रवि कुमार ने जोर देकर कहा कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने के लिए बीएलए की नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है।
* पारदर्शिता और विश्वसनीयता: भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को बीएलए नियुक्त करने की सुविधा दी गई है ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
* विसंगति का संज्ञान: बीएलए की सक्रिय सहभागिता से मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की विसंगति को समय रहते संज्ञान में लाया जा सकेगा।
* पूर्व में भी आग्रह: CEO ने बताया कि पूर्व में भी विभागीय पत्रों और बैठकों के माध्यम से राजनीतिक दलों से बीएलए नियुक्त करने का आग्रह किया गया था, लेकिन प्रक्रिया अभी भी धीमी है।
सीईओ की प्राथमिकता है तत्काल नियुक्ति
के. रवि कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि आगामी पुनरीक्षण कार्यक्रम को देखते हुए, प्राथमिकता के आधार पर सभी मतदान केंद्रों के लिए बीएलए की नियुक्ति करें। नियुक्त किए गए एजेंटों की सूची संबंधित निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी या जिला निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
24 अभी तक सबसे अधिक नियुक्तियां BJP ने की हैं
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर 2025 तक राज्य में केवल 2,403 बीएलए की ही नियुक्ति हुई है।
यह नियुक्ति मात्र छह जिलों से संबंधित है, जबकि 18 अन्य जिलों में किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल ने बीएलए की नियुक्ति के लिए कोई सूची नहीं भेजी है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
सबसे ज्यादा नियुक्तियां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने की हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI (M)) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) ने अभी तक कोई भी बीएलए सूची समर्पित नहीं की है।


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