GA4-314340326 लंदन की पर्यावरणविद ने किया बर्डवाचिंग, झारखंड में पंक्षियों के संरक्षण की जरूरत

लंदन की पर्यावरणविद ने किया बर्डवाचिंग, झारखंड में पंक्षियों के संरक्षण की जरूरत

सिकिदिरी घाटी में बर्ड वाचिंग करते 
angara(ranchi)  लंदन की पर्यावरणविद एला विट्स ने बुधवार को सिकिदिरी घाटी में बर्ड वाचिंग किया। उच्च् क्वालिटि के कैमरा, ड्रोन आदि के द्वारा पंक्षी जीवन की रिसर्च किया। बर्डमैन आफ झारखंड पन्नालाल ने एला को बर्डवाचिंग की जानकारी दी। एला के सामने ही बर्डमैन पन्नालाल ने अलग-अलग पंक्षियों की आवाज निकालकर उसे अपने सामने बुलाया। एला लंदन से झारखंड सहित भारत के पंक्षी वन्य-जीवन पर रिसर्च कर रही है। एला एला लंदन की प्रसिद्ध येल यूनिवर्सिटी से पंक्षी पर्यावरण प्रबंधन की पढाई की है। अपने रिसर्च के दौरान एला ने पिछले दिनों राजस्थान के पाली जिले मे स्थित जवाई तेंदुआ अभयारण्य सफारी, कर्नाटक के बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के जीवन पर व रामगढ़ जिला के इचातू जंगल में पंक्षियों पर रिसर्च किया। रांची के विपुल मयंक एला को तकनीकी सहयोग कर रहे है। 

बर्डमैन पन्नलाल ने कई पंक्षियों की आवाज निकालकर इस क्षेत्र को लाइमलाइट में लाया 

एला ने बताया कि झारखंड के पंक्षी जीवन का अध्ययन करना अपने आप में श्रेष्ठ अनुभव है। जानकारी के अभाव में लगातार पंक्षियों का शिकार हो रहा है। पंक्षियों को संरक्षित करने की जरूरत है। बर्डमैन पन्नलाल ने कई पंक्षियों की आवाज निकालकर इस क्षेत्र को लाइमलाइट में लाया है। बर्डवाचिंग में अब काफी संख्या में युवा आगे आ रहे है। भविष्य में यह रोजगार का एक बड़ा साधन बनेगा। बर्डमैन पन्नालाल ने कहा कि देश के युवा बर्ड वाचिंग के क्षेत्र में आगे आ रहे है। यह पंक्षी वन्य जीवन संरक्षण के लिए बेहतर प्रयास है। सामूहिक रूप से हमें पंक्षियों के संरक्षण के लिए काम करने की जरूरत है। पंक्षी हमारे जीवन चक्र का एक प्रमुख अंग है। इसे समृद्ध और संरक्षित करने की जरूरत है। इस अवसर पर ओम प्रकाश, सिद्धार्थ, कैलाश आदि उपस्थित थे। 

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